हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा कुल्हाल बॉर्डर शुक्रवार को देहरादून पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया गया। दिल्ली और पंजाब से सटे हरिद्वार हरकी पौड़ी स्थित विवादित स्थान पर सिख समुदाय के जबरन पहुंचने की सूचना पर बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे। भारी पुलिस बल और आला अधिकारियों की ये टीम देर रात से उत्तराखंड प्रदेश के कुल्हाल बॉर्डर पर मोर्चा संभालते हुए दिखी।
बता दें कि दिल्ली और पंजाब से हरिद्वार हरकी पौड़ी स्थित विवादित स्थान पर गुरु नानक साहिब के ऐतिहासिक ज्ञान गोदडी गुरुद्वारे को बनाने की मांग और शबद कीर्तन करने के लिए सिख संगठन 'आल इंडिया सिख कांफ्रेंस' के प्रमुख गुर शरण सिंह बब्बर की अगुवाई में कूच करने निकले थे। जत्थे की सूचना पर उत्तराखंड प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए थे, जिस चलते हरियाणा-हिमाचल रूट से जत्थे के आने की संभावना पर देहरादून जिला प्रशासन और इंटेलिजेंस अलर्ट पर रही।
इस दौरान हिमाचल-उत्तराखंड प्रदेश की सीमा कुल्हाल चेक पोस्ट को सील किए जाने जैसे हालात बने रहे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ भारी संख्या में पुलिस बल समेत एसडीएम मौके पर तैनात रहे। जत्थे को हिमाचल-उत्तराखंड के बीच बने पुल पर ही घेर लिया गया और प्रशासन द्वारा जत्थे में मौजूद सिखों को वापिस लौट जाने के लिए बातचीत होती रही, लेकिन काफी देर की असफल वार्ता के बाद जत्थे में मौजूद करीब 15 लोगों को बातचीत के लिए हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद उन्हें पुलिस द्वारा बस में बैठाकर गोपनीय जगह पहुंचाया गया।
इस मौके पर गुर शरण सिंह बब्बर ने उत्तराखंड सरकार को घेरते हुए तमाम सवाल उठाए। वहीं उन्होंने बताया कि एक तरफ तो भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली का बयान आता है कि सीमा से सटे गुरुद्वारों की विवादित भूमि के हल (निराकरण) के लिए भारत और दुश्मन देश पाकिस्तान की सरकार में बातचीत हो रही है। वहीं दूसरे तरफ अपने ही देश में हमें गुरु नानक साहिब के गुरुद्वारे के लिए लड़ना पड़ रहा है। सरकार हमें वहां जाने तक की इजाजत नहीं दे रही है। हमारे एतिहासिक 450 साल पुराने गुरुद्वारे का लगातार मटियामेट किया जा रहा है।