रोहतांग के दीदार करने वाले सैलानी अब दर्रे के दीदार अगले साल की कर पाएंगे। सीमा सड़क संगठन ने रोहतांग दर्रा बहाल कर लिया है तथा लाहुल की ओर जाने वाले वाहन दर्रे में सरपट दौड़ने भी लगे है लेकिन सैलानियों के लिये दर्रा अब अगले साल ही बहाल हो पाएगा। रोहतांग दर्रा 2 फ़ुट बर्फ की मोटी चादर से ढका हुआ है। चार साल बाद रोहतांग दर्रे में अक्टूबर नवम्बर में भारी बर्फ़बारी हुई है। इन दिनों बर्फ के दीदार करने के शौकीन सैलानियों को ऑन लाइन परमिट लेने की भी जरूरत नही पड़ रही है।
प्रशासन ने बर्फ़बारी से होने वाले नुकसान को देखते हुए सैलानियों को गुलाबा बेरियर से आगे जाने पर पाबंदी लगा दी है। गुलाबा बेरियर तक वाहनों को परमिंट की कोई जरूरत नही है। सैलानियों को गुलाबा की वादियों में पर्याप्त मात्रा में बर्फ देखने को मिल रही है। साथ ही सोलंग के फातरु, अंजनीमहादेव सहित मनाली के हामटा में भी सैलानी बर्फ के दीदार कर रोमांचित हो रहे है।
प्रशासन ने हामटा पर्यटन स्थल भी सैलानियों के लिए बहाल कर दिया है। सैलानियों का मनाली आने का मुख्य मकसद बर्फ के दीदार करना ही होता है जिसका सैलानी आसानी से दीदार कर रहे हैं। मनाली एसडीएम रमन घरसँगी ने बताया कि सैलानियों को गुलाबा बेरियर तक जाने की ही अनुमति रहेगी। उन्होंने बताया कि रोहतांग दर्रा अब अगले साल ही सैलानियों के लिए बहाल किया जाएगा। एडीएम ने कहा कि रोहतांग दर्रा बहाल हो गया है। लाहुल जाने वाले वाहन चालक सुरक्षा का पूरा ध्यान रखे। धूप खिलने पर ही दर्रे का रुख करें। उन्होंने कहा कि सैलानियों के लिए हामटा पर्यटन स्थल भी बहाल कर दिया गया है।