आज द ग्रेट खली का जन्मदिन है। बड़े बड़े सूरमाओं को धूल चटाने वाले लीप राणा उर्फ खली से जुड़ी कई बातें आज भी ऐसी हैं जिन्हें सिर्फ कुछ लोग ही जानते हैं। उनकी एक चीज ऐसी है जो खली को बेहद परेशान करती थी और उन्हें उसके लिए 25 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था।
ये चीज आजकल घर बैठे ही मिल जाती है, पर उस समय उन्हें ये चीज पाने के लिए 25 किलोमीटर दूर एक शख्स के यहां जाना पड़ता था। उस व्यक्ति का नाम है सुंदरलाल। 95 साल का यह व्यक्ति खली के घिराइना गांव से दूर शिलाई गांव में रहता है। खली की जो यादें इनसे जुड़ी है वो किसी और से नहीं। तभी तो सुंदरलाल भी खली को बेहद याद करते हैं।
पूरे इलाके में गिनी चुनी दुकानें होती थी। ऐसे में खली को जूते खरीदने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। आसपास की किसी दुकान में उनके नाप के जूते नहीं थे। उनके पास पैसे नहीं होते थे तो वह 25 किलोमीटर दूर सुंदरलाल के पास आकर अपने जूते बनवाते थे।
सुंदरलाल कहते हैं कि खली को एक फुट चौड़ाई और 14 इंच लंबाई वाला जूता लगता था। इस नाप का जूता पूरे एरिया में किसी और को नहीं लगता था। खली अपने घर से 25 किलोमीटर दूर से पैदल चलकर सुंदरलाल के पास आकर अपना जूता ले जाते थे। उनकी आखिरी इच्छा यही है कि खली एक बार उनसे मिले।
खली भले ही अब नामी कंपनियों से अपने नाप के जूते बनवाते हों, लेकिन उन्हें भी ये याद है कि सुंदरलाल ने बचपन में उनकी खूब मदद की थी। खली ने शोहरत रातोंरात हासिल नहीं की। उसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत का हाथ है। एक आम आदमी से खली बनने तक का सफर युवाओं के लिए प्रेरणा देने वाला है। हिमाचल के लोग उन्हें बेहद प्यार भी करते हैं। खली को उनके जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई।