इस बार बरसात के मौसम में प्रदेश में हुए भारी नुकसान का जायजा लेने के लिए भारत सरकार की टीम पहुंची हैं। ये दो टीमें बिलासपुर में हैं जिनमें से एक टीम बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिला में जबकि दूसरी टीम कांगड़ा ,चम्बा और हमीरपुर का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेगी।
गौरतलब है कि सोमवार को केन्द्रीय टीम ने जिला बिलासपुर के बरसात से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही विशेष सचिव राजस्व आपदा प्रबन्धन, शिमला डीसी राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में आपदा प्रबन्धन के लिए नियमित रूप से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण तथा इसी प्रकार राज्य में राज्य स्तरीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया कि बरसात के कारण हुए नुकसान का जो आंकलन प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार को सौंपा था केन्द्रीय टीम द्वारा उसकी जांच व निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण करने के बाद कमेटी अपनी सिफारिश भारत सरकार को प्रस्तुत करेगी जिसके आधार पर प्रदेश सरकार को धन उपलबध होगा।
इस मौके पर उपायुक्त विवेक भाटिया ने बताया कि जिला में हुई भारी बरसात के कारण लगभग 81 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में लोक निर्माण विभाग को लगभग 63 करोड 15 लाख रूपए, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को 11 करोड़ 21 लाख रूपए, कृषि विभाग को लगभग 82 लाख, बागवानी विभाग 76 लाख रुपए और शिक्षा विभाग को 20 लाख रुपए और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 1 करोड़ 83 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि इस दौरान 1 करोड़ 87 लाख रुपए की निजी संपत्ति और लगभग 35 लाख रुपए के पशुधन के नुकसान का आंकलन किया गया है।
उन्होंने बताया कि बरसात के दौरान हुए नुकसान के बचाव कार्य में लगने वाले उपकरणों को खरीदने के लिए 7 लाख 38 हजार रूपए की राशि होम गार्ड को बचाव अभियान के लिए उपलब्ध की गई। उन्होंने बताया कि उपमंडल स्तर पर 4 ग्रुप में 8-8 होम गार्ड जवानों को नियुक्त किया गया था जिसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन द्वारा 15 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई।