पहाड़ों की रानी शिमला की स्वच्छता रैंकिंग में अव्वल आने के लिए निगम प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। निगम ने अगले साल होने वाली स्वच्छता प्रतियोगिता में अव्वल आने के लिए अब गिले और सूखे कचरे को अलग- अलग केज में एकत्र कर भरयाल स्थित प्लांट में निष्पादन करने का फैसला लिया है। निगम ने गीले और सूखे कूड़े को अलग- अलग एकत्र करने के लिए जो योजना पहले 3 वार्डों में करने का निर्णय लिया था उसे अब निगम ने शहर के सभी 34 वार्डों में एकत्र करने का निर्णय लिया है।
यह फैसला सोमवार को निगम आयुक्त की अध्यक्षता में हुई स्वच्छता सर्वेक्षण की बैठक में लिया गया है। निगम आयुक्त ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में शिमला की रैंकिंग सुधारने के लिए निगम शहर के लोगों को भी जागरुक कर रहा है जिसके लिए मोबाइल एप्प के साथ- साथ गीले और सूखे कूड़े को अलग अलग केज में एकत्र कर निष्पादन कर रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए शहरवासियों को नील और हरे रंग के बैग आबंटित किए जाएंगे। जिसमें शहरवासी गीला और सुखा कूड़ा दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मोबाइल एप्प भी डाउनलोड करवाई जा रही है। जिसमें अब तक करीब 10 हजार लोगों को जागरूक किया जा चुका है। उन्होंने लोगों से गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग देने का आग्रह किया है।
नगर निगम आयुक्त पंकज राय ने कहा कि साल 2016 की स्वच्छता रैंकिंग में देश भर में 27वें स्थान पर रहने वाला शिमला शहर 2017 में 47वें पायदान पर था। वहीं वर्ष 2014 में शिमला को 14वां रैंक मिला था। जबकि भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में जारी की गई सूची में शिमला शहर टॉप के 100 शहरों में भी शामिल नहीं हो पाया है।
नगर निगम आयुक्त का कहना है कि इस बार पहले से ही तैयारियां की जा रही हैं और इस बार टॉप 10 शहरों में आने के लिए प्रयास तेज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम शिमला का स्तर स्वच्छता सर्वेक्षण में हर साल पिछड़ता जा रहा है जिसको इस बार सुधारा जाएगा। इसके लिए निगम अधिकारियों को वार्ड स्तर पर तैनात किया गया है। शहर में अधिकतर शौचालयों की साफ सफाई के लिए कर्मचारियों की तैनात किया गया है। उन्होंने शहर की जनता से भी शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए साथ देने की अपील भी की है।