पूर्व कांग्रेस नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने शुक्रवार को चार्जशीट मामले को लेकर प्रदेश सरकार और विपक्ष पर निशाना साधा है। मनकोटिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में जब एक पार्टी की सरकार जाने को होती है तो विपक्ष उसके खिलाफ चार्जशीट तैयार करता है। पिछले कुछ सालों से लगातार प्रदेश में ऐसा हो रहा है और बारी-बारी कांग्रेस-बीजेपी, आम मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए चार्जशीट की नौटंकी चला रही हैं।
मनकोटिया ने कहा कि दोनों पार्टियों के नेता जनता के बीच सार्वजनिक करें कि पिछली चार्जशीटों पर क्या कार्रवाई की। विपक्ष की चार्जशीट में हर सरकार के मंत्रियों के नाम होते हैं लेकिन, उनके खिलाफ सत्ता में आकर कौन सी ठोस कार्रवाई कर दी, इसको दोनों पार्टियां सार्वजनिक करें। मनकोटिया ने कहा कि यदि किसी मंत्री का नाम बिना ठोस तथ्यों के चार्जशीट में डाला गया है तो उस मंत्री ने कभी कोई मानहानि का दावा किया है, इसका भी हिसाब जनता के सामने रखा जाना चाहिए।
मनकोटिया ने कहा कि प्रदेश में तीसरा मोर्चा नहीं होने के चलते कांग्रेस-बीजेपी आपसी सांठगांठ से काम कर रही हैं। दोनों ऐसे काम कर रही हैं जैसे कोई गुप्त समझौता कर रखा है। जब तक प्रदेश में मजबूत तीसरा विकल्प नहीं होगा तब तक कांग्रेस-बीजेपी की लूट ऐसे ही जारी रहेगी।
'जयराम सरकार ने एक साल में ऐसा क्या कर दिया जो जश्न मनाएगी'
मनकोटिया ने सवाल किया है कि मौजूदा बीजेपी सरकार ने प्रदेश में एक साल में ऐसा क्या कर दिया जिसका जोरदार जश्न मनाने की तैयारी की जा रही है। जिन घटनाओं को लेकर पूर्व कांग्रेस सरकार को बीजेपी ने घेरा था वह घटनाएं आज भी प्रदेश में हो रही हैं और पहले से बढ़ी हैं। प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है और इस मुद्दे को लेकर कोई बात नहीं कर रहा है। प्रदेश में करीब 14 लाख पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं। जिनके बारे में सरकार के पास कोई नीति नहीं है। एक कैबिनेट में 200 या 400 पदों की भर्ती करके प्रदेश के युवाओं का भला नहीं हो सकता बल्कि, इसके लिए एक ठोस नीति की आवश्यकता है। जिसपर अभी तक मौजूदा सरकार कुछ भी नहीं कर पाई है।
'पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने कुछ नहीं करने दिया'
मनकोटिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश में क्षेत्रवाद की राजनीति होती आई है और हो •ाी रही है। उन्होंने पर्यटन निगम उपाध्यक्ष रहते हुए कई प्रोजेक्ट जिला कांगड़ा के लिए स्वीकृत करवाए थे। एडीबी से उन प्रोजेक्ट्स की फंडिंग होनी थी, लेकिन सभी प्रोजेक्ट्स की फाइल तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह के टेबल पर जाकर रुक गईं। मनकोटिया ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उन्हें कोई काम नहीं करने दिया।