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प्राइवेसी के चक्कर में सार्वजनिक हैंडपंप पर विभाग के अधिकारी ने किया क़ब्ज़ा

कमल नाग |

हमीरपुर के बड़सर में जहां एक तरफ जनता पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रही है, वहीं यहां एक आईपीएच अधिकारी ने अपनी प्राइवेसी के लिए एक सार्वजनिक हैंडपंप को दीवार लगाकर अपना निजी हैंडपंप बना लिया है। यही नहीं अधिकारी ने उस हैंडपंप मे मोटर भी फिट कर दी है। इसके चलते स्थानीय लोग पानी का टैंकर मंगवाकर अपनी पेयजल आपूर्ति करने को मजबूर हैं।

गौरतलब है कि बड़सर डिविजन के तहत मैहरे में अधिशाषी अभियंता के निवास के बाहर लंबे समय से लोगों की मांग पर हैंडपंप लगाया गया है। इसी हैंडपंप से स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रवासी परिवार भी पेयजल के लिए निर्भर थे। अचानक यहां अधिशाषी अभियंता के निवास पर चार दिवारी में उस हैंडपंप को भी लपेट लिया गया, जिससे हैंडपंप चारदीवारी के अंदर चला गया। अब स्थिति ऐसी है कि अधिकारी के निवास का मेनगेट बंद रहता है और कोई व्यक्ति अंदर नहीं जा पाता है। मजबूरन लोगों को पानी लिए टैंकर मंगवाना पड़ता है।

बताया जा रहा है कि गर्मियों में स्थानीय लोगों को पानी की समस्या से ज़्यादा जूझना पड़ता है। यही नहीं, ऐसा प्रतीत होता है कि इस सार्वजानिक हैंडपंप को एक तरह  से निजी बना दिया गया है और अब उसमें मोटर फ़िट करके उसे व्यक्तिगत रूप से प्रयोग किया जा रहा है। यहां पेयजल समस्या से क़रीब दर्जन भर परिवारों साथ अनेक प्रवासी लोग भी परेशान हो रहे हैं। लोगों की मांग है कि दीवार को तुड़वा दिया जाए ताकि वह पहले की तरह पानी के लिए हैंडपंप का प्रयोग कर सकें।

वहीं इस संबंध में बड़सर आईपीएच अधिशाषी अभियंता जितेंद्र गर्ग का कहना है कि समस्या यह थी कि उक्त हैंडपंप सड़क में आ गया था। दूसरा वहां प्रवासी लोग ज़्यादा हल्ला करते रहते थे। वह दिन-रात पानी भरते रहते थे। इस तरह उस निवास की प्राईवेसी नहीं हो पा रही थी। इसलिए दीवार लगा दी। अब उसमें मोटर भी लगा दी गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि फिर भी अगर कोई व्यक्ति पानी भरना चाहे , तो वह अंदर आकर भर सकता है।

वहीं इस बारे में विभाग के एसई अविंदर सिंह चड्डा ने कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।