हमीरपुर अस्पताल में हर महीने एक रोस्टर जारी किया जाता है। बाद में उसी रोस्टर को अखबारों में छपने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया जाता है। रोस्टर में यह बताया गया होता है कि कौन सा डॉक्टर किस दिन ड्यूटी पर रहेगा। लेकिन शनिवार सुबह अस्पताल में उस समय मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा जब अखबार में छपे रोस्टर के अनुसार उक्त डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं था।
लोगों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग वाले रोस्टर में कोई बदलाव करते हैं तो उनको इसकी जानकारी मीडिया को देनी चाहिए थी कि उक्त डॉक्टर आज नहीं आएगा और उसकी जगह दूसरे को तैनात किया गया है। लेकिन शनिवार को लोग अखबार में पढ़कर अपने घरों से टैक्सी आदि करके अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन वहां पर रोस्टर में नाम दर्ज डॉ अनूप अनुपस्थित पाया जाता है। जिस कारण हमीरपुर अस्पताल में मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इस बारे में जब लोगों ने अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर अनिल वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि हम अपना रोस्टर तो जारी करते हैं और अगर मीडिया वाले कुछ और चाहते हैं तो इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होती। इससे साफ होता है कि अस्पताल प्रशासन यह कह रहा है कि मीडिया अपनी मर्जी से रोस्टर को छापता है न कि अस्पताल प्रशासन को पूछ कर।