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कालका-शिमला ट्रैक पर दौड़ा पारदर्शी विस्टाडोम कोच, पर्यटकों ने उठाया वादियों का लुत्फ

पी. चंद, शिमला |

कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर अब सफर काफी रोमांच भरा हो गया है। ट्रेक पर पारदर्शी विस्टाडोम कोच मंगलवार से रोजाना दौड़नी शुरू हो गयी। पहले दिन पारदर्शी कोच में 18 पर्यटकों ने शिमला-कालका ट्रैक की हसीन वादियों का दीदार किया।

शिमला रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सेठी ने बताया कि भारतीय रेलवे ने 11 दिसंबर से शिमला-कालका मार्ग पर नियमित आधार पर विस्टाडोम कोच चलाने का फैसला किया है। जिसमें पर्यटकों को महज 130 रुपए का किराया देकर हसीन वादियों को देखने का मौका मिलेगा। 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 75 रुपए किराया रखा गया है, जबकि पांच साल से कम आयु वाले बच्चों का किराया नहीं लगेगा। कोच में 36 लोग एक साथ सफर कर सकते है । पहले दिन 18 लोगों ने पारदर्शी कोच में सफर किया है। लोग बहुत जल्द ही ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से भी लोग टिकट बुक कर सकेंगे।रेलवे विभाग इसके लिए काम कर रहा है।
 
वंही पारदर्शी कोच में सफर कर शिमला पहुंचे पर्यटकों ने बताया कि सफर बेहद ही रोचक था। कालका-शिमला ट्रैक पर खूबसूरत वादियों को करीब से देखने का उनको पहली बार मौका मिला है। पर्यटको ने कालका से शिमला के बीच के सफर में खूबसूरत वादियों को 360 डिग्री दृश्य को बहुत करीब से देखा। हालांकि कोच में शौचालय की व्यवस्था न होने से सैलानियों को थोड़ी परेशानी भी उठानी पड़ी। पर्यटकों ने रेलवे विभाग से कोच में टॉयलेट की सुविधा देने की मांग भी की है।

गौरतलब है कि डोम कोच के साथ ट्रेन का ट्रायल 11 नवंबर को हुआ था। इस विशेष कोच को तैयार करने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हिमाचल दौरे के समय विभाग को निर्देश दिए थे। विस्टाडोम कोच की लागत 10 लाख आई है। कोच पूरी तरह शीशे औऱ लकड़ी से तैयार किया गया है। बड़ी खिड़कियों और शीशे की छत से चारों ओर का नजारा सीट पर बैठकर ही देखा जा सकता। कोच की छत 12 एमएम शीशे की बनाई गई है। दरवाजों और खिड़कियों पर कठोर शीशे का इस्तेमाल किया गया है। देश में पहली बार विस्टा डोम कोच कालका-शिमला ट्रैक पर चलाया गया है।