आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद मंगलवार 11 दिसंबर को शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है। शक्तिकांत दास फिलहाल वित्त आयोग के सदस्य हैं। वो पूर्व वित्त सचिव भी रह चुके हैं।
गौरततब है कि नोटबंदी के वक्त शक्तिकांत सरकार का बचाव करते रहे हैं, जबकि रिजर्व बैंक ने तब चुप्पी साध रखी थी। नोटबंदी पर उन्होंने सरकार के रुख का ही समर्थन किया है। दास की दलील थी कि नोटबंदी से कालाधन, नकली नोट दूर करने में मदद मिलेगी। लेकिन आरबीआई गवर्नर के तौर पर कई बड़ी चुनौतियां हैं।
शक्तिकांत दास की चुनौतियां
(1) केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विवाद के मुद्दों को निपटाना
(2) RBI के पास मौजूद कैश डिविडेंड के तौर पर सरकार को देने का फॉर्मूला तैयार करना
3) पैसों की कमी से जूझ रहे बैंकों को मुश्किल से निकालना, क्योंकि रिजर्व बैंक की पाबंदी की वजह से कई बैंक नया लोन नहीं दे पा रहे।
(4) रिजर्व बैंक की अगली बोर्ड बैठक के दौरान शक्तिकांत की भूमिका पर सबकी नजर होगी।
पिछली बोर्ड बैठक में तय किया गया था कि रिजर्व बैंक और सरकार के बीच डिविडेंड का फॉर्मूला तय करने के लिए कमेटी बनाई जाए। कमेटी के सदस्य रिजर्व बैंक गवर्नर और केंद्र सरकार तय करेगी। सरकार चाहती है कि रिजर्व बैंक के फैसलों में बोर्ड की भूमिका बढ़े।