पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से तीन बड़े राज्यों में सत्ता पाने के बाद हिमाचल कांग्रेस भी जोश से लबरेज है। विधानसभा का मानसून सत्र खत्म होने के ठीक बाद शनिवार को कांग्रेस दिग्गज नेताओं ने पालमपुर में एक मंच पर केंद्र सरकार को सत्ता से बेदखल करने की हुंकार भरी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में अधिवेशन का आयोजन चुनावों की रणनीति बनाने को लेकर किया गया।
प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि बीजेपी की चारों लोकसभा सीटों पर हार तय है। मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। कार्यकर्ता घर-घर तक मोदी की जनविरोधी नीतियों को पहुंचाएं। 2019 का चुनाव राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का चुनाव है, इसलिए कार्यकर्ता कोई कसर न छोड़ें। बीजेपी सांसद जनता के मुद्दों को संसद में उठाने में नाकाम रहे हैं। उन्हें अपने कार्यकाल के हिसाब जनता को देना ही होगा।
अधिवेशन में प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल, सह प्रभारी गुरकीरत कोटली समेत अनेक कांग्रेस दिग्गजों ने चुनावों को लेकर अपनी राय रखी। एकमत से एकजुट होकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। सभी बड़े नेताओं ने कहा कि एकजुट होकर लड़ें तो जीत निश्चित है। बीजेपी की जनविरोधी नीतियों के कारण मोदी सरकार से जनता का विश्वास उठ गया है। बैठक में प्रत्याशियों के चयन को लेकर ब्लॉक और जिला अध्यक्षों सहित वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की राय भी जानी गई।
शांता की करनी और कथनी में अंतर
अधिवेशन में अनेक कांग्रेस नेताओं ने अपनी दावेदारी राज्य प्रभारी रजनी पाटिल के समक्ष जताई। बैठक में यह मुद्दे भी उठे कि कांग्रेस का कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में बीते दस साल से सांसद नहीं है। 5 साल राजन सुशांत बीजेपी सांसद रहे, उसके बाद पूर्व सीएम शांता कुमार सांसद हैं। शांता की करनी और कथनी में भी अंतर है। वे चुनावों के समय ही जोगिंद्रनगर-पठानकोट रेल लाइन को ब्रॉडगेज करने का सर्वेक्षण और चंबा सीमेंट की स्थापना को लेकर सक्रिय होते हैं। मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में उन्हें इन प्रोजेक्ट की याद नहीं आई। सेंट्रल यूनिवर्सिटी अब भी अस्थायी तौर पर शाहपुर में चल रही है।