प्रदेश में महिला कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर बच्चों की देखभाल के लिए 2 साल का अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) देने की कवायद शुरू हो गई है। राज्य महिला आयोग ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है। सरकार से मंजूरी मिलने पर महिला कर्मचारी बच्चों के 18 साल का होने के बीच उनके पालन-पोषण, परीक्षा तैयारी और अन्य कार्यों के लिए 730 दिन की छुट्टी ले सकेंगी।
इस प्रस्ताव के सिरे चढ़ने पर प्रदेश में कार्यरत हजारों महिला कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार मौजूदा समय में महिला कर्मचारियों को दो बच्चों की देखभाल के लिए 730 दिन का अवकाश देती है। केंद्र में सितंबर 2010 से इसे लागू किया गया है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में महिला कर्मियों को वर्तमान में दो बच्चों तक मातृत्व अवकाश का प्रावधान है। हरेक बच्चे के जन्म पर महिला कर्मी को 180 दिन की छुट्टी मिलती है। महिला आयोग के प्रस्ताव के सिरे चढ़ने पर महिला कर्मचारी दो बच्चों के पालन-पोषण और उनकी परीक्षा की तैयारियों के समय इस अवकाश की हकदार होंगी।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव दे रही है, लेकिन प्रदेश की महिला कर्मचारी अभी तक इससे वंचित हैं। इसीलिए आयोग ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है।