पठानकोट-जोगिंद्रनग़र रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की स्पीड को बढ़ाने का काम जोरों पर है। इसी कड़ी में गुरुवार को विभाग ने फास्ट ट्रेन का एक ट्रायल भी किया, जो पहले पठानकोट से पपरोला तक चलेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रायल में ट्रेन पांच घंटे बीस मिनट में पठानकोट से पपरोला पहुंची और बीच में कई स्टेशन पर भी रुकी। हालांकि, फास्ट ट्रेन को सक्सेस बनाने के लिए विभाग ने कुछ हद तक जुगाड़बाज़ी का भी सहारा लिया औऱ जिस ट्रैक पर 7 डिब्बे दौड़ाये जाते हैं उसपर केवल 4 ही डिब्बे रखे गए।
यहां आपको बता दें कि पठानकोट से पपरोला के रेल ट्रैक में एक ओर जहां उतराई पड़ती है, वहीं वापसी रूट में काफी चढ़ाई आती है। इसलिए जब ट्रेन 7 डिब्बों के साथ ट्रेन चलती है तो उसकी स्पीड पर कुछ अस़र जरूर पड़ता है। अब विभाग फास्ट ट्रेन के नाम पर 7 डिब्बों की जगह 4 डिब्बे ले जा रहा है तो यहां स्पीड में कुछ हद तक तेजी तो खुद-ब-खुद आनी भी जायज़ है। लिहाज़ा, स्पीड में कुछ तेजी नए इंजन लगने से भी आ रही है क्योंकि DRM के मुताबिक, इस ट्रैक पर नया इंजना उतारा जा रहा है। लेकिन, सवाल ये है कि यदि ट्रेन की डिब्बों में कमी होती है तो यात्रियों की संख्या कम होती है और इसका ख़ासा नुकसान विभाग को नवरात्रों-मेलों में देखने को मिलने वाला है।
इससे पहले केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल भी रेल ट्रैक पर कोई छेड़छाड़ करने से मना किया था। लेकिन उन्होंने यहां ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की बात जरूर कही थी, जिसके बाद फास्ट ट्रेन का ट्रायल किया गया। याद रहे कि इस ट्रैक पर 9 से 10 घंटे लग जाते हैं।
'जल्द शुरू होगी फास्ट ट्रेन'
ट्रायल के दौरान विभाग के डीआरएम विवेक कुमार सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे। डीआरएम ने कहा कि कई जगहों पर ट्रैक ठीक करने की जरूरत है, वहां जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा। एक ट्रायल पहले भी हो चुका है और ये अंतिम ट्रायल था। जल्द ही ट्रेन का टाइम टेबल बनाकर इसको शुरू कर दिया जाएगा। इस ट्रैक पर नए इंजन को उतारा जा रहा है, जिससे बाकी ट्रेनों की स्पीड में भी इजाफा होगा।