सिरमौर जिला प्रशासन ने एक अच्छी पहल की है। प्रशासन ने आईआईटी मंडी के सहयोग से लैंडस्लाइड सेंसर लगाए हैं, जिससे समय से पहले ही लैंडस्लाइड होने की सूचना मिल पाएगी। दरअसल, सिरमौर जिला प्रशासन आईटीआई मंडी के सहयोग से जिला में लैंडस्लाइड सेंसर लगाने का फैसला लिया है। शुरुआती चरण में दो लैंडस्लाइड सेंसर नाहन-शिमला हाईवे पर लगाए गए हैं।
यह लैंडस्लाइड सेंसर भूस्खलन से करीब 10 से 15 मिनट पहले ही अलर्ट देंगे यानी 10 मिनट पहले ही मौके पर हूटर बजने के साथ-साथ रेड लाइट ब्लिंकिंग होंगी। सिरमौर जिला में कई ऐसे महत्वपूर्ण स्थान है जहां अकसर लैंडस्लाइड होता है और जान-माल का भारी नुकसान होता है। ऐसे में महज करीब 20 से 25 हजार की लागत में लगने वाला यह उपकरण सहायक साबित हो सकता है।
आआईटी मंडी टीम के सदस्य अंकुश पठानियां और प्रवीण कुमार ने बताया कि लैंडस्लाइड सेंसर का पहले में मंडी में सफल इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद सिरमौर प्रशासन के आग्रह पर इन्हें यहां लगाया जा रहा है। लैंडस्लाइड सैंसर लोगों तक दो जरिए से सूचना पहुंचा पाएंगें। पहला यहां मौके पर हूटर बजेगा और रैड लाइट ब्लिंकिंग गोगी, वहीं , दूसरी तरफ ग्लोबल अलर्ट के जरिये प्रशासन को भी एसएमएस पहुंच जाएगा। जिससे बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आ जाएगा.
सिरमौर जिला प्रशासन प्राथमिक तौर पर जिला की पांच स्थानों पर लैंडस्लाइड सेंसर लगाने जा रहा है। जिला मंडी के कोटरोपी में लैंडस्लाइड सेंसर के सफल प्रयोग के बाद सिरमौर जिला प्रशासन ने इसे लगाने का फैसला लिया है। जिला समन्वयक डिस्टिक डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी राजन कुमार शर्मा ने कहा कि बरसात से पहले जिला में पांच लैंड स्लाइड सेंसर लगाए जा रहे हैं और बजट को स्वीकृति मिली तो इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है।