बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष विवेक शर्मा ने ऊना के जोगीपंगा में बने बंदर नसबंदी केंद्र को शिफ्ट करने के लिए 31 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि यदि इस समय अवधी में सरकार ने इस केंद्र को शिफ़्ट नहीं किया तो कांग्रेस सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने पर मजबूर होगी।
दरअसल, गुरूवार को हुई प्रेसवार्ता में विवेक शर्मा ने कहा कि जोगीपंगा के बंदर नसबंदी केंद्र के कारण कुटलैहड़ हलके के उन गांवों में भी बंदरों का आतंक बढ़ गया है। जहां कभी बंदर थे ही नहीं। उन्होंने आरोप जड़ा के बंदरों को पकडऩे का ठेका लेने वाले लोगों ने इस काम में भारी धांधली की है। नियमानुसार बंदरों को उसी क्षेत्र में छोडऩा होता है, जहां से वे लाए गए हों, लेकिन बंदरों को पकड़ कर नसबंदी केंद्र लाने वाले ठेकेदारों ने अपनी मुनाफाखोरी के चक्कर में उन्हें नसबंदी के बाद केंद्र के ही आसपास के गांवों में छोड़ दिया।
जिसके कारण अब स्थानीय ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर किसानों ने बंदरों के कारण खेती करना छोड़ दिया है। जंगलों से नसबंदी के नाम पर पकड़ कर लाए गए बंदर अब इन ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसलों को उजाड़ रहे हैं। यहां तक कि यह लोगों पर हमला करने से भी नहीं चूकते हैं।
विवेक का आरोप है कि एक तरफ बीजेपी हिंदुत्व की बात करती है दूसरी ओर लोगों को बंदरों का मारने के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। उन्होंने इस दौरान आवारा पशुओं के मामले पर भी कहा कि गौशालाओं का निर्माण करने के लिए करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर आवारा पशुओं को पकड़ कर उनके गले में रेडियम युक्त पट्टे डाले जा रहे हैं। यदि आवारा पशुओं को पकड़ा ही जा रहा है तो उन्हं पट्टे डालकर छोडऩे की बजाय गौशालाओं में क्यों नहीं पहुंचाया जा रहा।