बिलासपुर AIIMS और ऊना IIT का प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास किये लंबा समय बीत चुका है लेकिन अभी तक इनके निर्माण कार्य में एक ईंट तक नहीं लगी है। दोनों संस्थानों को शीघ्र आरंभ करने के प्रदेश और केंद्र सरकार के दावे झूठे साबित हुए हैं। यह बात प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कही, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास करने के उपरांत भी लंबे समय तक कार्य का आरंभ ना होना प्रधानमंत्री पद की गरिमा के भी विपरीत है। ऐसा प्रतीत होता है कि 2019 में होने वाले चुनावों के मद्देनजर महज़ राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से आनन-फानन में यह शिलान्यास करवाये गए हैं।
प्रेम कौशल ने कहा कि ऐसी ही स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय के संदर्भ में भी है। पहले जानबूझ कर इसकी पर्यवरण मंजूरी में देर की गई और अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के उपरांत प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान इसके शिलान्यास की बात कही गयी थी जिसे फिर ठंडे वसते में डाल दिया गया है। दरअसल बीजेपी ने तीनों संस्थाओं के नाम पर महज़ राजनीति कर प्रदेश की जनता को गुमराह किया है।
प्रदेश प्रवक्ता ने हिमाचल और बाहरी राज्यों में सीमेंट के दामों में भारी अंतर पर भी पार्टी की तरफ से चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि जिस प्रदेश मे सीमेंट का उत्पादन हो रहा है वहां दूसरे राज्यों की तुलना मे लगभग 100 रुपये प्रति बेग मूल्य अधिक है। इस पर संबंधित मंत्री का यह तर्क की भाड़ा ज्यादा होने की बजह से प्रदेश में दूसरे राज्यों की तुलना में सीमेंट मंहगा है किसी के गले नहीं उतर रहा, बल्कि सीमेंट के इस खेल में दाल में ज़रूर कुछ काला है।