चमेरा जल विद्युत परियोजना-2 से सरकार हर महीने करोड़ों रूपए का मुनाफा कमा रही है। लेकिन जिन लोंगों की जमीनों पर ये परियोजना बनाई गई है उन लोगों के साथ नाइंसाफी हो रही है। चमेरा जल विद्युत परियोजना 2 से सरकार हर महीने करोड़ों रुपए का मुनाफा कमा रही है। लेकिन जिन लोगों की जमीनों पर यह परियोजना बनाई गई है उन लोगों के साथ काफी नाइंसाफी हो रही है।
दरअसल, करिया गांव में के लोगों की जमीनों पर एनएचपीसी चमेरा-2 की आवासीय कॉलोनियां बनाई गई हैं और उस समय एनएचपीसी ने करिया गांव को गोद लिया था। लेकिन, एनएचपीसी की गोद में पड़ा यह गांव आज बदहाली के आंसू बहा रहा है। गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। सारे चंबा शहर का कूड़ा एनएचपीसी के मुख्य गेट के साथ लगते नाले में फेंका जा रहा है और उसे जलाकर उससे प्रदूषण फैलाया जा रहा है।
हैरानी की बात है कि एनएचपीसी के अधिकारी रोजाना इसी मुख्य गेट से होकर अपने कार्यालय और रिहायशी इलाकों में जाते हैं लेकिन यहां पड़ी गंदगी उनको नजर नहीं आती है। लोग कई बार एनएचपीसी से इस गंदगी से निजात दिलाने की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन अभी तक एनएचपीसी द्वारा लोगों को किसी तरह की सुविधाएं प्रदान नहीं की जा रही है।
यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि करिया गांव में इतनी गंदगी फैली हुई है कि यहां रहना मुश्किल हो गया है। लोगों के घरों के साथ लगते नाले में चंबा शहर का सारा कचरा फेंका जाता है और उसको आग भी लगा दी जाती है जिसके धुंए से वातावरण प्रदूषित होता है। वहां रह रहे बच्चों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है।लोगों ने बताया कि जहां पर यह नाला है उसके साथ ही एनएचपीसी मुख्य गेट भी है लेकिन उसके साथ पड़ी गंदगी उन्हें नहीं दिखाई देती है।लोगों ने जिला प्रशासन और एनएचपीसी प्रबंधन से आग्रह किया है कि उनके गांव में सफाई व्यवस्था को सुचारु किया जाए ताकि लोग को गंदगी से निजात मिल पाए।
वहीं, पंचायत प्रधान धर्मपाल ने बताया की करियां पंचायत को एनएचपीसी द्वारा गोद लिया गया है लेकिन हमेशा ही इस गांव की उनके द्वारा अनदेखी की गई है। उन्होंने बताया कि एनएचपीसी आवासीय कॉलोनी यही लोगों की जमीनों के ऊपर बनाई गई है लेकिन करियां के लोगों की एनएचपीसी द्वारा हमेशा ही अनदेखी की गई है। एनएचपीसी प्रबंधन से आग्रह किया है कि गांव में सफाई व्यवस्था को सुचारु किया जाए और साथ ही कूड़ा डंपिंग की जगह बनाई जाए ताकि वहां पर कूड़ा फेंक कर लोगों को गंदगी से निजात मिल पाए।