राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शिक्षक दिवस के मौके पर राजभवन में आयोजित समारोह में 16 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार प्रदान किए तथा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त चार शिक्षकों को भी सम्मानित किया। राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि एक अच्छा इंसान बनने के लिए शिक्षा मुख्य आधार है। बच्चों के सर्वार्गीण विकास का उद्देश्य एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण करना है, इसलिए शिक्षकों पर छात्रों में नैतिक मूल्यों का संचार करने की बड़ी जिम्मेदारी है।
पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डा. एस. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राज्यपाल ने शिक्षक समुदाय से और अधिक वचनबद्धता व समर्पण के साथ कार्य करने की अपील की। यदि शिक्षक सक्षम हो तो वह छात्रों में अच्छे संस्कार संचारित कर सकता है। राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में सर्वाधिक विकसित तथा समृद्ध राज्य के रूप में उभरने पर हर्ष जताते हुए कहा कि इसका श्रेय शिक्षक समुदाय को भी दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है। आज हिमाचल प्रदेश बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी प्रदेश की भूमिका निभा रहा है तथा एक सर्वेक्षण में हिमाचल प्रदेश को देश में युवाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए बड़े राज्यों में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है। हिमाचल में शिक्षा का साक्षरता दर, जो वर्ष 1951 में 7.98 प्रतिशत थी, आज बढ़कर 88 प्रतिशत हो गई है।