बिहार की राजधानी पटना के एसएसपी मनु महाराज को प्रमोशन देकर डीआईजी बनाया गया है। मनु महाराज हिमाचल प्रदेश के डल्हौजी के रहने वाले वाले हैं। अपने बेबाक स्टाइल की वजह से सुर्खियों में रहने वाले मनु महाराज समेत 6 आईपीएस अफसरों को प्रमोशन देकर डीआईजी बनाया गया है।
गौरतलब है कि अपने रौबिले अंदाज के लिए सिंघम के नाम से चर्चा में रहने वाले मनु महाराज कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के तरीकों के लिए जाने जाते हैं। 2005 में नेशनल पुलिस अकादमी से छह आइपीएस अधिकारियों को बिहार कैडर मिला, जिसमें मनु महाराज भी शामिल थे। मोतिहारी में थाना इंचार्ज की ट्रेनिंग लेने के बाद वैशाली जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में प्रशिक्षण लिया और तब से अपनी कार्यशैली से लोगों के दिलों में जगह बना ली। पटना शहर में सिटी एसपी रहे। इसके बाद बतौर एसपी रोहतास जिले की कमान सौंपी गई।
रोहतास में करीब डेढ़ साल तक रहे और नक्सलियों के गढ़ में अकेले घुसकर चुनौती दी और नक्सलवाद छोड़कर सरेंडर करने की हिदायत दी। मनु महाराज के तेवर के आगे सालों से रोहतास की पहाड़ियों में बसे नक्सलियों के हौसले भी पस्त हो गए। एक-एक कर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया।
छात्राओं की सुरक्षा के लिए कॉलेज के बाहर डायल 100 पोस्टस की शुरुआत की। इसके साथ ही अपने ही महकमे को अलर्ट रखने के लिए ऐसा कदम उठाया, जिसे देखकर पुलिसवाले भी चकित रह गए। सक्रियता और गंभीरता देखने के लिए थाने से खुद ही जीप गायब करवा दी।
प्रदेश के डलहौजी के रहने वाले मनु महाराज ने स्कूल स्तर की पढ़ाई शिमला से की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी रुड़की से बीटेक किया। मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने की बजाए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इसी दौरान उन्होंने दिल्ली के जेएनयू में एन्वॉरमेंटल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन करना शुरु कर दिया।
साल 2006 में मनु महाराज ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। आईएएस रैंक मिलने के बावजूद भी मनु महाराज ने आईपीएस चुना। एसएसपी रहते हुए मनु महाराज सुरक्षा व्यवस्था जांचने और अपने महकमे के कर्मचारियों की काम के प्रति गंभीरता देखने के लिए देर रात साधारण कपड़ों और चप्पलों में सड़कों पर निकल जाते हैं।
इसी तरह का उनका एक किस्सा सुर्खियों में रहा है जब वे चेहरे पर गमछा लगाए, पैर में चप्पल पहने टूटी साइकिल पर सवार होकर सड़क पर निकल पड़े और पुलिस जिप्सी के पास पहुंचकर पुलिसवाले को बताया कि उनके साथ लूटपाट हुई है। इस पर पुलिसवाले ने उनकी बात अनसुनी कर दी। उन्हें वहां से भगाने लगा। बाद में जब पुलिसवाले ने मनु महाराज को पहचाना तो वह हक्का बक्का रह गया।
ऐसे ही कई उदाहरण उन्होंने पेश किए हैं, जिनके कारण जनता और सरकार का मनु महाराज पर विश्वास बढ़ा रहा है। अपराधियों में मनु महाराज का खौफ है और अपने स्टाइल और काम के प्रति ईमानदारी से हिमाचल के बेटे ने उदाहरण पेश किया है।