केसीसी बैंक की 216 पदों की भर्ती को रद्द कर दिया गया है। बैंक ने जून 2017 में विभिन्न श्रेणियों की 216 पदों की भर्ती प्रक्रिया को रद् कर दिया है। बैंक ने हाईकोर्ट को दी जानकारी में बताया है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर भर्ती प्रक्रिया को रद् कर दिया गया है।
इस निर्णय का आधार रजिस्ट्रार को- ऑपरेटिव सोसायटी शिमला के निर्देशों, बैंक की वित्तीय स्थिति और कानूनी पहलुओं को बनाया गया है। बोर्ड की मीटिंग के दौरान यह पाया गया कि 31 मार्च, 2018 तक बैंक के एनपीए की राशि 75104 लाख रुपये और बैंक का लाभ घटकर 455 लाख रुपये पहुंच गया था।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने बैंक के इस वक्तव्य के बाद याचिकाओं को बंद करने के आदेश जारी किए। हाईकोर्ट में केशव कोरला द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि केसीसी बैंक की भर्ती परीक्षा का आयोजन भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों को दरकिनार कर किया गया है।
आरबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर किसी बैंक की नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स यानी एनपीए 12 फीसदी से ज्यादा है, तो वह बैंक न तो कोई नई शाखा खोल सकता है और न ही कोई नई भर्ती कर सकता है।
आरोपों के अनुसार वर्तमान में केसीसी बैंक की एनपीए 15.29 फीसदी है। ऐसे में नई भर्ती करना कानूनी तौर पर गलत है। इसके अलावा पहले से ही रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी ने आदेश जारी कर रखा है कि केसीसी बैंक से जुड़़ी कोई भी भर्ती आईबीपीएस, अधीनस्थ चयन बोर्ड या राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाएगी, लेकिन इस आदेश को भी नजरअंदाज कर भर्ती की जा रही थी।