प्रदेश सरकार ने हिमाचल को एनीमिया मुक्त करने की कवायद शुरू कर दी है। लोगों को इस बीमारी से मुक्त कराने के लिए सरकार ने पहले चरण में करसोग, कसौली और ठियोग क्षेत्र को चुना है। इसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता पंचायतों में जाकर लोगों का इलाज करेंगे। अगर बीमारी किसी मरीज में ज्यादा पनप रही हो तो उन्हें अस्पताल में उपचार के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद चंबा, हमीरपुर और शिमला में इस प्रोजेक्ट को लागू किया जाना है। हिमाचल को एनीमिया मुक्त कराने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को गांव-गांव जाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि यह बीमारी खून की कमी से होती है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा पाई जाती है। बच्चों को यह बीमारी जल्द अपनी गिरफ्त में लेती है। अगर व्यक्ति का खान- पान सही हो तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो महिलाओं का एचबी (हिमोग्लोबिन) 12 ग्राम से कम नहीं होना चाहिए, जबकि पुरुषों का एचबी भी इससे ज्यादा होना चाहिए।
हालांकि शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा गांव में महिलाओं और लड़कियों का एचबी कम होता है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस बीमारी को खत्म करने के लिए स्कूलों में भी कार्यक्रम चलाए जाने हैं, ताकि छात्रों को अन्य बीमारियों से बचाया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री, विपिन सिंह परमार का कहना है कि हिमाचल को एनीमिया मुक्त किया जाना है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पंचायतों और गांव में जाने के निर्देश दिए हैं। लोगों की उपचार नि:शुल्क होगा और दवाइयां भी प्रदेश सरकार देगी।