राजधानी शिमला में नशे का कारोबार पूरी तरह फल-फूल रहा है। पुलिस द्वारा 2018 में जारी किए नशे के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। शिमला पुलिस ने नशे के ख़िलाफ़ छेड़े गए अभियान में अपार सफलता हासिल की है। पुलिस के मुताबिक, 2018 में शिमला पुलिस ने 931 ग्राम चिट्टा बरामद किया, जबकि 2017 में पुलिस ने 83 ग्राम चिट्टा बरामद किया था। यानी कि 2018 में शिमला पुलिस ने कई गुणा ज़्यादा चिट्टा बरामद किया गया।
दूसरी ओर शिमला पुलिस ने 2018 में 56 किलोग्राम अवैध चरस पकड़ी, जबकि 2017 में सिर्फ 17 किलो चरस पकड़ी गई थी। ये आंकड़ा 2017 के मुकाबले तीन गुणा से ज़्यादा है। इन आंकड़ों के बाद बेशक पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन इतनी मात्रा में नशे का सामान राजधानी में कैसे पहुंच रहा है इसका जबाब किसी के पास नहीं है।
यहां तक कि नशा कितना रूक पाया ये आंकड़े भी किसी के पास नहीं हैं। आय दिन नशे से मौतों को ख़बर आ रही है, उसका जिम्मेदार कौन है…?? इन सारे सवालों में फिलहाल कोई बात नहीं की जा रही है।