प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब छात्र योग का साथ – साथ शतरंज का खेल भी खेला करेंगे। प्रदेश सरकार चुनावी दृष्टि पत्र में की गई घोषणा को सरकार पूरा करने जा रही है। सरकारी स्कूलों में योग को विषय के तौर पर शुरू करने के लिए पहली बार आठवीं कक्षा तक योग और शतरंज को शुरू किया जा रहा है। योग और संगीत का पाठ्यक्रम तैयार हो चुका है। शतरंज का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए सरकार ने कमेटी गठित कर दी है।
जानकारी के अनुसार पाठ्यक्रम में योग, संगीत और शतरंज के इतिहास, वर्तमान सहित इन क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त करने वालों की जानकारी दी जाएगी। इन विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। योग और संगीत विषय का एससीईआरटी ने सिलेबस तैयार कर दिया हैं। पाठ्यक्रम में शामिल किए जा रहे इन तीनों विषयों की हर हफ्ते 2-2 कक्षाएं लगेंगी। बच्चों पर पढ़ाई का बोझ न पड़े, इसलिए यह व्यवस्था की जा रही है।
प्रारंभिक कक्षाओं में इन विषयों के बारे में सिर्फ समझाया जाएगा। कक्षाओं के अनुसार इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार कर बड़ी कक्षाओं में पहुंचने तक विद्यार्थियों को इन विषयों में निपुण बनाया जाएगा। इन तीनों नए विषयों की परीक्षाएं भी होंगी।
बता दें कि छठी से आठवीं कक्षा तक वर्तमान में योग और हिमाचल की संस्कृति विषय पढ़ाया जा रहा है। अब सरकार ने योग को अलग से विषय के तौर पर शुरू करने का फैसला लिया है। अब संयुक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा हितेश आजाद की अध्यक्षता में सरकार ने शतरंज का सिलेबस तैयार करने के लिए नौ सदस्यीय कमेटी गठित की है।
परिणाम जानने के लिए तीन नए विषय शुरू करने के कुछ समय बाद प्रदेश सरकार एससीईआरटी से स्कूलों में रिसर्च भी करवाएगी। इससे पता लगाया जाएगा कि बच्चों में इन विषयों के प्रति रुचि है भी या नहीं।