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आखिरकार 15 दिन का संघर्ष लाया रंग, ट्रक ऑपरेटरों ने खत्म की हड़ताल

सुनिल ठाकुर |

सोलन प्रशासन की मौजूदगी में अर्की में परिवहन सहकारी सभाओं और अल्ट्राटैक सीमेंट कंपनी प्रबंधन के साथ हुई मीटिंग में अंबूजा पैटर्न लागू करने पर सहमति बन गई है। बिलासपुर परिधि गृह में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में खारसी सभा के महासचिव दौलत सिंह ठाकुर ने यह खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि यह चौथी मीटिंग थी जिसमें सीमेंट कंपनी और परिवहन सहकारी सभाओं के मध्य चल रहा गतिरोध सोलन प्रशासन की मध्यस्थता से खत्म हो पाया है।

 उन्होंने बताया कि केंद्र ने मालवाहक वाहनों का एक्सल लोड पच्चीस फीसदी बढ़ाया है, लेकिन कंपनी इस पर सहमत नहीं थी। इसके चलते 24 जनवरी से काम रोकने का निर्णय लिया और हड़ताल शुरू की जिसके तहत 3500 ट्रकों के पहिए जाम रहे।

हालांकि, बिलासपुर प्रशासन के साथ पहली मीटिंग बेनतीजा रही। फिर डीसी की अध्यक्षता में सोलन में बैठक हुई जिसमें कंपनी नहीं मानी। तीसरी मीटिंग बिलासपुर डीसी की अध्यक्षता में आयोजित की गई लेकिन यह भी बेनतीजा ही रही। अब चौथी व अंतिम बैठक अर्की जिला सोलन में आयोजित की गई जिसमें दस घंटे की जददोजहद के बीच आखिरकार कंपनी प्रबंधन अंबूजा पैटर्न लागू करने पर राजी हुआ। इस पर परिवहन सभाओं ने भी हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया।

मंगलवार से ट्रक ऑपरेटर काम पर लौट गए हैं। इसके तहत तीन टन लोड बढ़ाने के बाद अब कुल 12 टन एक्सल लोड पर कंपनी भाड़े में 5 फीसदी कटौती करेगी। यह कटौती 11वें व 12वें टन पर ढ़ाई-ढ़ाई प्रतिशत होगी।

दरअसल, 2011 के समझौते के तहत अल्ट्राटैक कंपनी में अंबूजा पैटर्न लागू करने को लेकर सहमति बनी है जिसके तहत ट्रक ऑपरेटर अंबूजा पैटर्न लागू करने पर अड़े थे। दौलत सिंह ठाकुर ने बताया कि अल्ट्राटैक कंपनी में 70 फीसदी कार्य क्लिंकर और 30 फीसदी कार्य सीमेंट का है। उन्होंने बताया कि ट्रक ऑपरेटरों की समस्याओं के समाधान को लेकर अर्की एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी ऑपरेटरों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर हल किया करेगी।

अब कंपनी द्वारा अंबूजा पैटर्न लागू करने के बाद ट्रक ऑपरेटरों को प्रति चक्कर किराए में अतिरिक्त लाभ होगा। इसके तहत खानपुरखुई डंप का 1881 रूपए, बघेरी का 2239 रूपए, दैहणी का 2228 रूपए मनाली-शिशु का 4144 रूपए, नाहन का 3890 रूपए, बनीखेत का 6665 रूपए, काजा का 8820 रूपए और रूड़की का 5214 रूपए प्रति चक्कर अतिरिक्त लाभ होगा।