वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में छोटे कारोबारियों को राहत दी गई है। व्यापारियों के लिए कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी गई है। जीएसटी कंपोजिशन स्कीम का लाभ लेने वाली कंपनियों को सिर्फ एक एनुअल रिटर्न दाखिल करना होगा, जबकि टैक्स भुगतान हर तिमाही में एक बार कर सकेंगे। यह नया नियम इस साल 1 अप्रैल 2019 से लागू होगा।
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के दायरे को बढ़ा दिया है। अभी 20 लाख रुपये तक टर्नओवर करने वाले कारोबारी जीएसटी के दायरे में आते थे लेकिन अब 40 लाख टर्नओवर वाले जीएसटी के दायरे में आएंगे। पूर्वोत्तर समेत छोटे राज्यों में जो लिमिट 10 लाख थी वो लिमिट 20 लाख रुपये कर दी गई है। इस तरह कई छोटे कारोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे। अब इन छोटे कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन का झंझट नहीं रहेगा।
बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि केरल को दो साल के लिए राज्य के भीतर बिक्री पर 1 फीसदी का उपकर लगाने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल में रियल इस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मतभेद सामने आने के बाद इसपर विचार करने के लिए मंत्रियों का समूह बनाया गया है। यानि अंडर कंस्ट्रक्शन मकानों को लेकर जिस छूट की उम्मीद की जा रही थी वो अभी नहीं मिलेगी।
बैठक से पहले ऐसे संकेत मिल रहे थे कि जीएसटी काउंसिल बैठक में अंडर कंस्ट्रक्शन इमारतों को 12 फीसदी के स्लैब से हटाकर 5 फीसदी के दायरे में किया जा सकता है। लेकिन अभी इस मामले में कोई राहत नहीं मिली है।