पंचायत चुनाव लड़ने से पहले प्रत्याशियों द्वारा किसी तरह का अवैध कब्जा नहीं होने का शपथ पत्र दिया जाता है। ऐसे में यदि किसी प्रत्याशी के चुनाव जीतने के उपरांत भी यह साबित हो जाता है कि उसने अवैध कब्जा किया है तो उसके खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाती है। लेकिन ग्राम पंचायत हार-वोह में एक वार्ड पंच द्वारा वन भूमि पर अवैध कब्जा होने की राजस्व विभाग की पुष्टि के उपरांत भी, उक्त वार्ड पंच के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होना समझ से परे है।
यह आरोप वन अधिकार समिति रुलेहड़ के उप-प्रधान प्रभात ने लगाए हैं। प्रभात का कहना है कि शाहपुर के अंतर्गत पड़ने वाली ग्राम पंचायत हार-वोह के एक वार्ड पंच ने वन भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। नायब तहसीलदार की रिपोर्ट में भी यह अवैध कब्जा साबित हो गया है। इसके उपरांत दिनांक 25 अगस्त 2018 को जिला पंचायत अधिकारी ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए वन विभाग को भी पत्र लिखा है। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी वन विभाग ने आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है और ना ही रिपोर्ट जिला पंचायत अधिकारी को प्रेषित की है।
प्रभात का कहना है कि सारा मामला एक विवादित आरा मशीन के इर्द-गिर्द घूमता है। वर्ष 1992-93 में पंचायत क्षेत्र में वन भूमि पर एक आरा मशीन स्थापित की गई। मामला जब प्रशासन के ध्यान में आया तो आरा मशीन को वहां से हटाकर खड्ड किनारे स्थापित कर दिया गया। आरा मशीन लगाने वाले व्यक्ति के बेटे एवं वार्ड पंच द्वारा इसी भूमि पर अब एक दुकान व शैड का निर्माण किया गया है। प्रभात के मुताबिक नए स्थान पर भी नियमों को ताक पर रखा गया और खड्ड से 100 मीटर दूरी की बजाए महज 40 मीटर पर ही आरा मशीन स्थापित कर दी गई।
जब इसका विरोध किया गया तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विभागीय रिपोर्टों के आधार पर इस आरा मशीन को बंद करवा दिया। उसके बाद ना जाने कैसे और किसने इस आरा मशीन को फिर से चलाने की अनुमति प्रदान कर दी। इस आरा मशीन में अवैध लकड़ी पकड़कर विजिलेंस ने भी मामला दायर किया हुआ है। बावजूद इसके भी वन विभाग ने आरोपी को आरा मशीन चलाने की अनुमति प्रदान की है। प्रभात ने वन विभाग और पंचायती राज विभाग से आग्रह किया है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
उधर डीएफओ धर्मशाला प्रदीप भारद्वाज का कहना है कि जिला पंचायत अधिकारी ने वार्ड पंच द्वारा वन भूमि पर किए गए कब्जे के संदर्भ में आगामी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। मामले में आगामी कार्रवाई संबंधित क्षेत्र के आरओ द्वारा की जानी आपेक्षित है और पत्र को आरओ को प्रेषित किया गया है। अवैध कब्जे को स्पॉट पर वेरिफाई करके आरओ ही कोर्ट में चालान पेश करेंगे। जहां तक आरा मशीन के तय दूरी से कम होने की बात है इसकी भी जांच की जाएगी।