प्रदेश हाईकोर्ट ने बिजली बोर्ड की लापरवाही से दोनों हाथ खोने वाले 11 वर्षीय बच्चे को 27 लाख का मुआवजा देने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने आदेश दिया कि बिजली बोर्ड यह राशि पीड़ित को दे।
मामला 30 नवंबर, 2016 को ऊना की हरोली तहसील का है। हरोली में एक 11 साल का बच्चा खेलते हुए बिजली बोर्ड की हाई टेंशन तार की चपेट में आ गया था। इलाज के दौरान उसकी दोनों बाजुओं को काटना पड़ा। कोर्ट ने सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना को निर्देश दिए हैं कि वह तीन महीने में एक बार पीड़ित के घर जाकर कोर्ट के आदेश की अनुपालना सुनिश्चित करें। इसके तहत प्रार्थी को मेडिकल सहायता मुहैया करवाने और मुआवजे की राशि का सही उपयोग का पता करने को भी कहा गया है।
इसके अलावा कोर्ट ने सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना को प्रार्थी की सहायता के लिए कृत्रिम अंग देने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग से संभावनाएं तलाशने को कहा है। इसकी कीमत भी राज्य विद्युत बोर्ड को वहन करनी होगी। कोर्ट ने आदेशों में यह भी स्पष्ट किया है कि प्रार्थी को बालिग होते ही प्रदेश सरकार और विद्युत बोर्ड उसकी योग्यता के अनुसार रोजगार देने के लिए भी सोचे। सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि पीड़ित बालक को पूरी उम्र मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।