हुनर और टेलैंट को कभी भी रोका नहीं जा सरकता । वो अपना रास्ता खुद बना लेता है । ऐसा ही काम कर दिखाया है, कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां उपमंडल के पठियार के युवा अंकेश चौधरी ने । अंकेश महाराष्ट्र में हो रहीं खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 800 मीटर दौड़ में आखिरी छह में पहुंच कर सुर्खियों में आ गया है। आज शाम साढ़े सात बजे अंतिम तीन स्थानों के लिए अंकेश दौड़ लगायेगा । अंकेश को गोल्ड मेडल का मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
नजरअंदाज हुई उपलब्धियां
अंकेश का जन्म पठियार के एक साधारण परिवार में हुआ । अंकेश के पिता हंसराज और मां सुषमा देवी हैं । पठियार से निलक कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में अंकेश ने काफी मेहनत की । वैसे तो अंकेश को स्पोर्ट हॉस्टल ऊना की खोज कहा जा जाता है । लेकिन सरकार और प्रशासनिक स्तर पर अंकेश को जो मदद मिलनी चाहिये, वो कभी नहीं मिली ।
एेसे आया टर्निन्ग पॉइंट
अंकेश की जिंदगी में उस वक्त मोड़ आया जब उसकी प्रतिभा को देखते हुये प्रशिक्षण की व्यवस्था आर्मी स्पोर्ट्स अकादमी पूणे में की गयी । इस प्रशिक्षण ने अंकेश की जिंदगी बदल कर रख दी ।
अंकेश के पिता हंस राज जो पंचायत सचिव के पद पर कार्यरत है , उनका कहना है कि बेटे का "खेलो इंडिया" के फाइनल में पहुंचना बड़ी उपलब्धि है। उन्हें यकीन है कि फाइनल में भी अंकेश शानदार प्रदर्शन कर उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा औऱ अपने गांव, जिला, राज्य औऱ देश का नाम रोशन करेगा । वहीं, पठियार के ट्रांसपोर्टर एवं कांग्रेस नेता चरित चौधरी का कहना है कि यह पंचायत के लिये गर्व की बात है। अंकेश जब पुणे से अपने घर लौटेंगे तो उनका स्वागत और नागरिक अभिनन्दन किया जायेगा।