सुक्खू को पद से हटाये जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस में वर्चस्व की जंग शुरू हो गई है। सुक्खू के हटने पर वरिष्ठ नेताओं के जश्न मनाने पर हमीरपुर जिला कांग्रेस एक हो गई है और पदाधिकारियों ने वीरभद्र सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पिछले दो दिनों से लगातार पदाधिकारी इन दोनों पर पार्टी को डूबाने की बात कर रहे हैं और सोमवार को एक बार फिर जिला के पदाधिकारियों ने इन नेताओं को कटघरे में खड़ा किया है।
अरविंद सोनी, गोपाल कृष्ण बॉबी, मनोज शर्मा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जानबूझ कर यहां से कांग्रेसी की साख़ पर बट्टा लगा रहे हैं। इसके लिए बकायदा वे वीरभद्र सिंह का इस्तेमाल करने में गुरेज नहीं कर रहे। यहां तक कि पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अग्निहोत्री की बीजेपी के साठ-गांठ हो चुकी है और वे कैबिनेट का दर्जा मिलने पर बीजेपी में जाने वाले हैं। यही वज़ह है कि वे लोकसभा टिकट आवंटन के लिए हाईकमान को मूर्ख तक कहने में गुरेज नहीं करते।
अग्निहोत्री के इस कार्यप्रणाली से साफ़ कहा जा सकता है कि वे बीजेपी के बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं और हमीरपुर से अनुराग को लाभ पहुंचाने के प्रयास किया जा रहा है। पूर्व बीजेपी सरकार में कांग्रेस की चार्जशीट कमेटी में समिति ने सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा को भी चार्जशीट किया था। उन पर चार्जशीट में आरोप होने के बाद भी नेता विपक्ष मुकेश उनके बेटे को कांग्रेस टिकट के लिए पैरवी करने में डटे हैं। इससे प्रतीत होता है कि मुकेश के लिए कांग्रेस से ज्यादा निजी स्वार्थ मायने रखते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीते एक साल से नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री भाजपा सरकार के साथ मिलकर कांग्रेस को कमजोर करने में लगे हुए हैं। अगर कांग्रेस विधायक दल का नेता सरकार की बी टीम के रूप में काम करेगा तो पार्टी प्रदेश में कैसे मजबूत होगी। नेता विपक्ष का पद पाने के लिए मुकेश अग्निहोत्री ने जो समझौता बीजेपी सरकार के साथ किया है, उसका असर विधानसभा में भी साफ दिखता है।