कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में गुरुवार को हुई खूनी झड़प के बाद कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज होने लगी है। पसीसी सचिव महेश शर्मा, मनजीत ठाकुर और प्रदीप वर्मा ने राजीव भवन में हुए वाक्या पर वीरभद्र समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया और नवनियुक्त अध्यक्ष राठ़ौर से सख़्त कार्रवाई की मांग की है।
सयुंक्त बयान में कहा गया कि कांग्रेस पार्टी अहिंसा में विश्वास रख़ती है। पार्टी कार्यक्रमों में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और ये पहला मौका नहीं है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समर्थकों ने ऐसा किया है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, दिग्गज नेत्री विद्या स्टोक्स, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर और पीआरओ केसी के साथ भी पूर्व सीएम के समर्थक अभद्र व्यवहार कर चुके हैं। अब एक बार फिर आम कार्यकर्ता के साथ मारपीट की है।
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तीनों पीसीसी सचिवों ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष यह भी सुनिश्चित करें कि इस तरह के खूनी संघर्ष की पुनरावृत्ति न हो। शपथ ग्रहण समारोह में सब ठीक चल रहा था। कार्यकर्ता अपने-अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी करते ही हैं। पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सूक्खू के समर्थक अपने नेता के लिए नारेबाजी कर रहे थे तो वीरभद्र समर्थकों को उग्र नारेबाजी नहीं करनी चाहिए थी। बवाल में पीड़ित राजीव राणा को सिर में पांच टांके लगे हैं औऱ वह कांग्रेस का कर्मठ कार्यकर्ता है। उसकी पत्नी भी कांग्रेस कार्यकर्ता है। दोनों पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।