राजभवन के जो कर्मचारी धूम्रपान के आदि हैं, वे आज से धूम्रपान नहीं करेंगे। इसके लिए बकायदा राजभवन कर्मियों ने शपथ भी ली है। दरअसल, मौका था राज्यपाल आचार्य देवव्रत के 60वें जन्मदिन का, जिस दिन उनकी प्रेरणा से कर्मियों ने ये शपथ ली। जन्मदिन के इस मौके पर राज्यपाल ने यज्ञ का आयोजन किया, जहां मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी डॉ. साधना ठाकुर और अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
राज्यपाल ने विशेष तौर पर राजभवन के कर्मियों को इस हवन आयोजन में उपस्थिति दर्ज करने का आग्रह किया था। राज्यपाल एवं उनकी धर्मपत्नी लेडी गवर्नर श्रीमती दर्शना देवी और परिवार के अन्य सदस्यों ने यज्ञ किया और पवित्र आहूति डाली। जन्मदिन के इस मौके पर यज्ञ का एक और उद्देश्य था कि राजभवन के जो कर्मचारी धूम्रपान के आदि हैं और इस आदत को छोड़ नहीं पा रहे हैं, उन्हें इस अवसर पर पवित्र अग्नि के समक्ष आजीवन धूम्रपान न करने की शपथ दिलाई जाए।
राज्यपाल का कहना था कि एक व्यक्ति के धूम्रपान करने से पूरा परिवार प्रभावित होता है। इस का असर स्वास्थ्य के साथ साथ समाज पर भी पड़ता है। हालांकि, राजभवन में धूम्रपान पूरी तरह निषेध है। लेकिन, राज्यपाल को सूचना मिली कि कुछ कर्मचारी ड्यूटी के पश्चात घरों में या अन्य स्थानों पर धूम्रपान करते हैं। उन्होंने ऐसे कर्मचारियों को धूम्रपान छोड़ने के लिये प्रेरित किया। ये कर्मचारी भी उत्साहित थे और उन्होंने स्वेच्छा से धूम्रपान न करने की शपथ ली।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि ये उनके जीवन में नई शुरुआत है और ऐसे ही प्रयासों से स्वस्थ समाज की परिकल्पना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हर कर्मचारी परिवार का हिस्सा है और ये हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपने आसपास अपने सहयोगी को बुरी आदत से निजात दिलाने में सहयोग करें।