प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की बात तो करती है, लेकिन जिन युवाओं को रोजगार मिल रहा है उन्हीं बेरोजगार युवाओं से सरकार स्वंय रोजगार छिनने पर ऊतारू हो गई है। इस बात का परिणाम जेओए भर्ती में निजी शिक्षण संस्थानों के डिप्लोमा को अवैध घोषित करना है। ऐसा करके सरकार ने हजारों युवाओं को बेरोजगारी की और धकेल दिया है। यह बात वीरवार को धर्मशाला में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान निजी शिक्षण संस्थान संचालकों की गठित कमेटी के ने कही है।
उक्त निजी शिक्षण संस्थान के संचालकों का कहना है कि प्रदेश कर्मचारी अधिनस्थ बोर्ड हमीरपुर द्वारा 14 जनवरी को जारी की गई अधिसूचना के कारण प्रदेश भर के सैंकड़ों युवाओं को आधात लगा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने जेओए भर्ती प्रक्रिया के लिए निजी शिक्षण संस्थानों और सोसाइटी से डिप्लोमा को मान्य न मानकर प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटका दिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोई भी यूनिवर्सिटी और बोर्ड ऐसा नहीं जो डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स करवाता हो।
उपाध्यक्ष ने बताया कि जिला में 500 और प्रदेश में 5000 के करीब निजी संस्थान चलाए जा रहे हैं। सरकार जिन निजी शिक्षण संस्थानों को मान्यता देने से इंकार कर रही है उन संस्थानों में 20 हजार के करीब कर्मचारी काम करते हैं, जोकि इन संस्थानों में हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा दे रहे हैं। वह इन्हीं निजी संस्थानों पर निर्भर हैं। अगर सरकार निजी शिक्षण संस्थानों से डिप्लोमा मान्य नहीं करती है, तो युवाओं के साथ-साथ कर्मचारियों भी बेरोजगार हो जाएंगें। संस्थान संचालकों ने सरकार से मांग की है कि वह निजी संस्थानों से डिप्लोमा को मान्य करें, ताकि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके।
नहीं हुई सुनवाई तो चुनावों का करेंगें बहिष्कार
जिला के संस्थान संचालकों का कहना है कि सरकार नियमों में बदलाव करके अगर राहत प्रदान नहीं करती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश भर में खुल सोसाइटियों में कोर्स कर रहे बच्चों और उनके परिजनों को भी साथ जोड़ा जाएगा और सडकों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगें।