विवादित धर्मगुरु और खुद को देवी का अवतार कहने वाली राधे मां कोर्ट के लपेटे में आ गई है। बोरीवाली कोर्ट में घरेलू हिंसा और एक अन्य मामले से अपना नाम हटाने के लिए इस विविदित धर्मगुरु ने अर्जी दी थी। लेकिन, कोर्ट ने उसकी यह अर्जी नामंजूर कर दी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में एक 32 वर्षीय महिला ने अपने ससुराल के लोगों और राधे मां के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। उसने आरोप लगाया था कि राधे मां ने उसके ससुराल वालों को उसे परेशान करने के लिए उकसाया था। इस मामले में बाद में पुलिस ने राधे मां से पूछताछ भी की थी। इसी मामले को लेकर राधे मां ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उसका नाम इस केस से हटा दिया जाए।
राधे मां पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाने का आरोप
दहेज प्रताड़ना के आरोप में फंसी राधे मां के खिलाफ एक शख्स ने गंभीर आरोप लगाया है। बीएचपी के पूर्व सदस्य सुरेंद्र मित्तल ने आरोप लगाया है कि राधे मां उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाती थी और ऐसा नहीं करने पर अपशब्द बोलती थी।
यह भी आरोप है कि वह मित्तल को कई तरीके से उत्तेजित करती थी और कई बार राधे मां ने आई लव यू बोला था, लेकिन जब वह बातों में नहीं आया तो भद्दी गालियां दीं। सुरेंद्र के वकील ने राधे मां को कानूनी नोटिस भी भेजा था। अब वह उसके खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दायर कर रहे हैं। इससे पहले एक्ट्रेस डॉली बिंद्रा ने भी राधे मां पर अश्लील हरकतें करने और धमकी देने का आरोप लगाया था, इस मामले में पुलिस थाने में केस भी दर्ज कराया था।