ज्वाली विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत पंचायत कुठेड़ में हिमाचल सरकार द्वारा चलाए जनमंच का आयोजन 2 नवम्बर 2018 को किया गया था। इसमें जन स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर महिन्द्र सिंह ने शिरकत की थी। इस जनमंच में इलाके की 14 पंचायतों की समस्याओं को सुना गया था। इस जनमंच के माध्यम से चैन सिंह पंचायत सिद्धपुरघाड़ ने भू-संरक्षण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चेक डैम बनाने के लिए लाखों रुपये बिना वजह बर्बाद करने का मामला प्रमुखता से उठाया था। इसके लिए शिकायतकर्ता के शिकायत पत्र को मंत्री ने एसपी कांगड़ा को सौंप दिया था। उन्होंने शिकायत पत्र सौंपने के बाद दो महीनों के अंदर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक यह काम ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। उनकी इस शिकायत का हल उन्हें नहीं मिल पाया है।
क्या है मामला?
दरअसल मामला यह था कि तकरीबन 5-6 साल पहले पंचायत सिद्धपुरघाड़ के गांव लोहारवैह मे गांववासियों की जमीन की सिचांई करने के लिए चेक डैम जिसकी अनुमानित राशि लगभग 18.82 लाख थी। उस जगह पर विधुत विभाग द्वारा लगभग साढ़े 7 लाख रुपये का ट्रान्फार्मर भी लगा दिया गया है। जोकि आज दिन तक सफेद हाथी बन कर रह गया है। इस गांव के पास 2 नाले हैं जिनमें से एक पर स्थाई रुप से पानी बहता है और दूसरा नाला बारिश के दौरान ही बहता है।
भू-संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने सूखे नाले पर चैक डैम का डंगा लगा दिया था जिसमें एक बूंद भी पानी की नहीं है और उस पर लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च कर दिए गए हैं। पूछने पर भू-संरक्षण विभाग का कोई भी अधिकारी सन्तोषजनक जवाब नहीं देता था। जिसका जिकर डायरेक्टर तक किया जा चुका था लेकिन कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार इस मसले को जनमंच में ही उठाना मुनासिब समझा।
लेकिन हैरानी की बात है कि जनमंच में आम जनता के सामने दो महीने का समय मंत्री महोदय द्वारा दिया गया था जिसका आज दिन तक कोई भी असर देखने को न मिला है। चैन सिंह ने जन स्वास्थ्य मंत्री से दोबारा अपील की है कि उपरोक्त गंभीर समस्या के समाधान के लिए सम्बन्धित विभाग को सख्ती से आदेश जारी करें ताकि भविष्य में भी कोई विभाग ऐसी हरकत करने की कोशिश न करे। इस मामले बारे दो-तीन दिन तक एसपी कांगड़ा सन्तोष पटियाल से फोन पर सम्पर्क करने की कोशिश करते रहे लेकिन फोन न उठाने से बातचीत न हो सकी।