हिमाचल प्रदेश का वन मंत्रालय बेफिक्र होकर सो रहा है। जबकि, वन माफियाओं का आतंक अब मारपीट से आगे निकल कर बर्बर हत्याओं के दौर में पहुंच चुका है। लेकिन, वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी अभी भी बेपरवाह होकर सभी घटनाओं से दूरी बनाए हुए हैं।
मंडी में वन रक्षक होशियार सिंह की बर्बरता से हुई हत्या पर भी वन मंत्री अपने फोन समेत ख़ामोश हैं। दरअसल, वन रक्षक होशियार सिंह का शव मंडी के कटांडा के जंगल में पेड़ से लटका हुआ बरामद किया गया। मामले में परिजनों ने वन माफियाओं को हत्या का गुनहगार बताया है। हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं है कि यह हत्या वन माफियाओं ने की है या मामले का कोई दूसरा पहलूहै। फिलहाल, शनिवार को वन रक्ष का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
इसी संबंध में समाचार फर्स्ट ने वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन, ताज्जुब देखिए काफी वक़्त तक उनका फोन ट्राई करने के बावजूद भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
डर ऐसा कि अधिकारी भी नहीं बोल रहे
वन विभाग के बाकी अधिकारी भी मामले में बोलने से कतरा रहे हैं। एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर वन विभाग में बड़े स्तर के खतरे का डर जाहिर किया। अधिकारी के मुताबिक ख़ासकर वन रक्षकों की जिम्मेदारी महज एक डंडे पर छोड़ दी जाती है। जबकि, उन्हें वन माफियाओं के अलावा जंगली जानवरों का भी ख़तरा बना रहता है। बातचीत में पता चला कि वन मंत्री ने ही पिछले साल वन रक्षकों को बंदूक मुहैया कराने की बात की थी। लेकिन, मामला कहां तक आगे बढ़ा इस पर ठोस जानकारी किसी को नहीं है।
वन विभाग में पिछले दिनों में जो कुछ घटा है वह बताता है कि कहीं ना कहीं जंगलों में माफियाओं की धाक बनी हुई है।
- चंबा और शिमला में वनों का कटान और धाकड़ तरीके से माफियाओं का मामले से बच निकलना
- ऊना के हरोली में वन अधिकारियों की पिटाई
- बिलासपुर में पेड़ों की अवैध कटाई का वीडियो बनाने पर डीएफओ के साथ मारपीट और मोबाइल छीन लेना
- फतेहपुर में पेड़ की कटाई के दौरान मारपीट
गौरतलब है कि इन सभी मामलों में केस का क्या हुआ और आरोपियों पर किस हद तक शिकंजा कसा गया, यह भी सोच से परे है।
हिमाचल में माफिया राज का दावा सच साबित हो रहा है: प्रेम कुमार धूमल
मंडी में वन रक्षक होशियार सिंह की बर्बर हत्या का जिक्र करते हुए नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने वन मंत्री भरमौरी समेत पूरी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। धूमल ने कहा कि बीजेपी अर्से से राज्य सरकार में व्याप्त माफिया राज की बात कहती रही है और वन रक्षक की निर्मम हत्या इसका स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जंगलों का कटान कांग्रेस के ही नेताओं के मिलीभगत से चल रहा है। तभी वन माफिया अधिकारियों की भी पिटाई कर देते हैं और उन पर कार्रवाई तक नहीं होती। नेता प्रतिपक्ष ने ठाकुर सिंह भरमौरी पर वन माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
फिलहाल, अभी भी समाचार फर्स्ट को वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के पक्ष का इंतज़ार है। जैसे ही हमें उनका पक्ष मिलता है, आप पाठकों के समक्ष पेश करेंगे।