रिश्वत के आरोप में विजिलेंस के शिकंजे में फंसे पांवटा साहिब के पूर्व एसडीएम एचएस राणा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। 2017 -18 में पावटा नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी रहे एचएस राणा पर नगर परिषद में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। और इस संबंध में प्रस्ताव पास कर शिकायत उपायुक्त सिरमौर को भेजने की तैयारी की जा रही है।
पांवटा साहिब के पूर्व एसडीएम एचएस राणा इस समय एक क्रशर के ज्वाइंट इंस्पेक्शन की फाइल पर बैक डेट में साइन करने की एवज में एक लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में फंसे हैं और जुडिशल कस्टडी में हैं। लेकिन उनकी मुश्किल यहीं समाप्त नहीं हो रही है। सिरमौर डीसी ने अर्जी मंजूर की तो राणा पर एक और जांच शुरू हो सकती है और उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज हो सकती है। आरोप बेहद गंभीर हैं। नगर परिषद की मासिक बैठक में प्रस्ताव आया है कि राणा ने नगर परिषद का यो रहते हुए लगभग तीन करोड़ के कामों में धांधलियां की हैं।
पार्षद और पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद संजय सिंघल ने कहा कि एचएस राणा ने विभिन्न विकास कार्यों में बिना टेंडर लगाए चहते ठेकेदारों को बहुत ऊंचे दामों पर काम बांट दिए थे। ऐसे में कार्यकारी अधिकारी की मनमानी से नगर परिषद को लाखों का नुकसान हुआ है।
इस संबंध में नगर परिषद के मौजूदा कार्यकारी अधिकारी एसएस नेगी ने भी माना कि जांच की मांग को लेकर उठाए गए मामलों में सरकारी नियमों की अवहेलना हुई है और इन कामों में भ्रष्टाचार होने की भी संभावना है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उपायुक्त सिरमौर के माध्यम से उच्च स्तरीय जांच की मांग की जाएगी।