मेडिकल कॉलेज चंबा में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी के चलते लोगों को हो रही परेशानी पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सरकार को घेरा। विधायक आशा कुमारी की अनुपस्थिति के चलते मुकेश अग्निहोत्री ने यह सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से न तो प्रिंसिपल और न ही डॉक्टर्स हैं?
इसका उत्तर देते हुए स्वस्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बोला कि मेडिकल कॉलेज चंबा से प्रिंसिपल को सस्पेंड किया गया है। प्रिंसिपल ने बिना विभाग को जानकारी दिए जरूरत से अधिक खरीददारी की। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज कि हिस्टोरिकल बिल्डिंग की मुर्मंत भी बिना सूचना के ही करवा ही। इन्हीं सभी वित्तीय अनियमितताओं के चलते प्रिंसिपल को हटाना पड़ा।
विपिन परमार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में 175 के करीब असिस्टेंट प्रोफेसर के पद रिक्त हैं। इनको भरने की प्रोसेस प्रदेश सरकार ने शुरू के दी है। विपिन परमार कहा कि मेडिकल कॉलेज कि अपनी बिल्डिंग नहीं है। लेकिन फिलहाल यह हिस्टोरिकल बिल्डिंग में चल रहा है। और प्रदेश सरकार का मेडिकल कॉलेज को बंद करने कोई इरादा नहीं है। इसके अलावा 69.00 करोड़ मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग के लिए सेंक्शन के दिया गया है।