हिमाचल प्रदेश अंशकालीन पटवारी सहायक संघ की राज्य कमेटी की बैठक शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में बजट में इन कर्मचारियों के लिए केवल 500 रुपये की बढ़ोतरी पर कड़ा रोष ज़ाहिर किया। कर्मचारियों ने इसे उनके साथ भद्दा मजाक करार दिया। यूनियन ने अंशकालीन पटवारी सहायकों की श्रेणी को बजट में बदलकर राजस्व चौकीदार करने पर कड़ी आपत्ति ज़ाहिर की है और इसे दोबारा से अंशकालीन पटवारी सहायक करने की मांग की है।
यूनियन के राज्य अध्यक्ष सुरेश पोषेटा ने कहा है कि प्रदेश सरकार अंशकालीन पटवारी सहायकों को छल रही है। उनसे नियमित पटवारियों से लिये जाने वाले जमाबंदी, म्यूटेशन, समन, डिमार्केशन, सर्टिफिकेट जारी करने सहित सभी तरह के कार्य लिए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल 3000 रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है जोकि प्रदेश सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन का आधा भी नहीं है। इनसे 8 घण्टे कार्य लिया जा रहा है, बावजूद इसके इन्हें सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशनुसार समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिल रहा।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन कर्मचारियों को रेगूलर करने के बजाए प्रदेश सरकार बार-बार इनकी श्रेणी से छेड़छाड़ करके इनके शोषण को तेज कर रही है। वर्ष 2017 में जब इन पटवारी सहायकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था तब इनके पद को अंशकालीन पटवारी सहायक नाम दिया गया था । लेकिन नौकरी ज्वाइन करते वक्त इस पद का नाम बदलकर अंशकालीन क्लास फोर कर दिया गया जिसे अब बजट में बदलकर राजस्व चौकीदार कर दिया गया है जोकि असंवैधानिक और गैर कानूनी है। यूनियन ने निर्णय लिया है कि इसके खिलाफ संघर्ष तेज़ होगा।