विपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री के बजट भाषण पर चर्चा में सरकार को खूब घेरा। बजट का आकर तक नहीं बताया गया है। किसने ये बजट बनाया है। जिसमें आंकड़े तक नहीं है। पिछले बजट में तो कांग्रेस सरकार के कर्जे का ज़िक्र किया। इस बजट में कर्ज़ का ज़िक्र क्यों नहीं है। राजकोषीय घाटा 7 हज़ार 786 है। इतने कर्ज़े लेकर सरकार चलाएंगे बजट में सीधा आंकड़ा दे दिया। मुख्यमंत्री कर्ज़ और अफ़सर दोनों से बच कर रहें। केन्द्र से न कुछ मिला है और न ही मिलने वाला है।
कर्ज़ 60 हज़ार करोड़ तक पहुंच जाएगा। मुख्यमंत्री तो कहते थे कर्ज़ मुक्त राज्य बनाएंगे। ऐसे कैसे बनाएंगे क़र्ज़ मुक्त राज्य। योजना आयोग की जगह नीति आयोग बन गया है फिर धवाला को योजना आयोग का उपाध्यक्ष क्यों बनाया गया? विकास दर कम हो गई। 9 लाख से ज़्यादा बेरोजगार है। सरकार बताए की पिछली साल कितने लोगों को रोज़गार दिया गया। बजट में पर्यटन क्षेत्र को कम बताया गया है, कृषि क्षेत्र कम हो गया, फल उत्पादम कम हो गया फिर विकास कहां हो रहा है।
सीएम ने सिर्फ़ निगम बोर्ड़ के चैयरमैन ही नहीं बनाए बल्कि गुड़िया आयोग, गौ आयोग और पोंग आयोग नए बनाकर क़र्ज़ बढ़ा रहे हैं। केन्द्र से करोड़ों आने का राग मुख्यमंत्री और मंत्री अलापते रहे अब फ़ौरन फंडिंग की बात कर रहे हैं। फ़िर विकास कैसे होगा। हिमाचल की जनता से धोखा क्यों कर रहे हैं। आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मामले पर सरकार अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंच पाए हैं। पिछले साल बजट में मुख्यमंत्री की 30 योजनाओं का क्या हुआ? इन योजनाओं के बारे में जब सवाल लगाया गया तो जवाब में आया कि सूचना एकत्रित की जा रही है। जब मुख्यमंत्री को ही योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं है तो योजनाएं शुरू कैसे होंगी।
बजट का प्रोड्यूसर और डायरेक्टर पुराना ही है। एनएच मामले को तो दस्तावेज़ से ही हटा दिया। जनाधिकार पुस्तिका देने की बात कही थी कहां गई? स्मार्ट सिटी के लिए टेंडर तक नहीं हुए। कैसे बनेगी स्मार्ट सिटी? सब घोषणाएं मंडी के लिए हो रही हैं। झंझहैली से भी आगे बढ़ो जनता ने आपको सारे प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है। 680 ब्रिक्स से आए जिसमें से 250 करोड़ अकेले मंडी के लिए ले गए।
नेता प्रतिपक्ष ने शिक्षा मंत्री पर भी बोला हमला
शिक्षा मंत्री पर हमला करते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि अभी तक स्कूल के 8 लाख बच्चों को वर्दी और लैपटॉर नहीं दे पाए, मॉडल स्कूल तक नहीं बना पाए। फिर शिक्षा को सुधार नहीं पाए। कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है। एक साल में 98 मर्डर हो चुके हैं। वाटर गार्ड के लिए नीति का वायदा किया था कुछ पैसा बढ़ाकर उन्हें नाराज़ कर दिया। बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया गया। कौशल से रोज़गार तक नहीं दे सके। उद्योगों के लिए पैसे का कोई प्रावधान नहीं किया गया। मुख्यमंत्री को आंकड़ो का मायाजाल फैलाने की आदत बन गई है। बीजेपी सरकार सरकारी धन का दुरूपयोग कर रही है।
डबल इंजन फैल हो गया है। यूनिवर्सिटीज के बिकने की बात हो रही है। बजट में आगे दौड़ पीछे छोड़ की स्थिति है। कांग्रेस की घोषणाओं में ही अभी तक पत्थर लगाएं है। प्रदेश को क़र्ज़ की तरफ़ धकेला जा रहा है। जब ये सत्ता छोड़ेंगे उस वक़्त तक प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी होगी।
विपक्ष के नेता के बजट पर हमके के बाद मुख्यमंत्री को सफ़ाई देनी पड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि क़र्ज़ आपकी भी जरूरत थी हमारी भी ज़रूरत है। लेकिन बीजेपी सरकार ने कांग्रेस से कम क़र्ज़ लिया है। विपक्ष के नेता का भाषण निराशाजनक है।