राफेल डील पर लगातर कांग्रेस द्वारा सरकार पर आरोपों के बीच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी है। विपक्ष राफेल डील पर कैग की रिपोर्ट को संसद में रखे जाने का इंतजार कर रहा है। मीडियो रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को ही कैग ने राफेल डील पर तैयार अपनी रिपोर्ट को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति भवन भेजा है। कैग अपनी रिपोर्ट की एक प्रतिलिपि राष्ट्रपति के पास और दूसरी वित्त मंत्रालय के पास भेजता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कैग ने राफेल पर 12 चैप्टर लंबी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। कुछ हफ्ते पहले ही रक्षा मंत्रालय ने राफेल पर विस्तृत जवाब और संबंधित रिपोर्ट कैग को सौंपी थी, जिसमें खरीद प्रक्रिया की अहम जानकारी के साथ 36 राफेल की कीमतें भी बताई गईं थीं। प्रोटोकॉल के तहत कैग ने इस रिपोर्ट को राष्ट्रपति के पास भेजा है।
सूत्रों के अनुसार (कैग) की रिपोर्ट को सरकार मंगलवार को संसद में रखेगी। इस सौदे को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फ्रांसीसी कंपनी से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के इस सौदे में कथित घोटाले और गड़बड़ी को लेकर सत्तासीन भाजपा और विशेषतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर बने हुए हैं। सत्तारुढ दल ने इन आरोपों को खारिज किया है। मौजूदा 16वीं लोकसभा का वर्तमान सत्र बुधवार को समाप्त हो रहा है और यह संभवत: इसका आखिरी सत्र है। अप्रैल-मई में आम चुनाव के बाद 17वीं लोक सभा का गठन होगा।
राफेल विमान सौदे को लेकर सोमवार को हुए एक बड़े खुलासे के बाद कांग्रेस पार्टी ने सवाल किया है कि आखिर 'ऐसा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कौन सा भ्रष्टाचार छिपाना चाहते थे?' द हिंदू में सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि राफेल सौदे पर हस्ताक्षर से कुछ दिन पहले मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया में बदलाव करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी कुछ मुख्य प्रावधानों को हटा दिया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने लूट कराई है।
राहुल ने कहा, "हर रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी धाराएं होती हैं। द हिंदू ने खबर दी है कि पीएम ने भ्रष्टाचार विरोधी खंड हटा दिया। यह साफ है कि पीएम ने लूट में सहायता की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'मोदी जी, राफेल सौदे में सॉवरन गारंटी माफ करने के बाद अपने भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधान में भी छूट दे दी। आखिर आप कौन सा भ्रष्टाचार छिपाना चाहते थे?"