बजट सत्र के प्रश्नकाल में किडनी ट्रांसप्लांट केन्द्र का मामला गुंजा। कांग्रेसी विधायक राम लाल ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और बीजेपी के विधायक राकेश पठानिया ने सयुंक्त प्रश्न में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से पूछा कि सरकार ने प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। गत दो सालों में किडनी ट्रांसप्लांट के प्रशिक्षण हेतु कितने चिकित्सक पीजीआई चंडीगड़ और अन्य स्थानों में भेजे गए। प्रशिक्षण पर सरकार ने कितनी धनराशि ख़र्च की ब्यौरा दें?
सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के प्रशिक्षण हेतु 8 डॉक्टर भेजे गए हैं। जिनमें डॉ राकेश चौहान आचार्य शल्य चिकित्सा विभाग को पीजीआई चंडीगढ़, डॉ पमपोश रैना विभागाध्यक्ष यूरोलॉजी एम्स न्यू दिल्ली, डॉ सुरेंद्र सिंह विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया पीजीआई चंडीगढ़, डॉ गिरीश यूरोलॉजी एम्स न्यू दिल्ली, डॉ दारा सिंह एनेस्थीसिया एम्स, डॉ पूजा मुरगई पैथोलॉजी पीजीआई चंडीगढ़, डॉ ललिता नेगी पैथोलॉजी पीजीआई चंडीगढ़ और डॉ कार्तिक सयाल एनेस्थीसिया को प्रशिक्षण के लिए एम्स नई दिल्ली भेजा गया है।
आईजीएमसी शिमला के डॉक्टरों के प्रशिक्षण हेतु यात्रा व्यय और रहने पर सरकार 3.48 लाख रुपए की राशि दी गई है। जिसका भुगतान डॉक्टरों से प्राप्त बिलों के आधार पर किया जाएगा। जबकि टांडा के डॉक्टरों को केवल वेतन और अन्य भत्तों का भुगतान किया जा रहा है। 2 करोड़ 96 लाख मशीनरी के ऊपर व 1 करोड़ से ज्यादा अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए धन आ गया है। जिसका ऑपरेशन थिएटर बनकर तैयार हो गया।