दोपहर भोजन अवकाश के बाद सदन में आज गैर सरकारी सदस्य कार्य पर संकल्प प्रस्तुत किए गए। पहला संकल्प नूरपुर के भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने स्वास्थ्य देखभाल बीमा पॉलिसी को लेकर लाया गया। पठानिया ने सदन में कहा कि आज बीमा के प्रति सभी जागरूक है। यदि ग़रीब तबके के किसी व्यक्ति को बीमारी हो जाती है तो उसे धन की ज़रूरत पड़ती है। इसको देखते हुए केन्द्र ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की है, वहीं हिमाचल सरकार ने हिम केअर योजना शुरू की है।
इन योजनाओं से लोगों को फ़ायदा मिल रहा है। बावजूद इसके ग़रीब लोगों के साथ अस्पताल का स्टॉफ दुर्व्यवहार करता है। हिमाचल के अस्पताल मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेज देते है। ऐसे में इतनी बड़ी जो योजनाएं शुरू की जा रही है, इसका लोगों को फ़ायदा मिलेगा। साथ ही सरकार का स्वास्थ्य विभाग लोगों को इन योजनाओं के प्रति जागरूक कर रहा है। कितने के कवर किस बीमारी में मिलेगा इसके बारे में जागरूक किया गया है। ऐसा न हो कि निज़ी अस्पताल ही इसका लाभ उठा लें। इसलिए गरीब तक ये योजना पहुंचे इस पर सरकार क्या कदम उठा रही है।
इस विषय को आगे बढ़ाते हुए देहरा के विधायक होशियार सिंह ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसी योजनाएं चल रही है। कुछ फ़र्ज़ी कंपनियां भी कार्ड के नाम पर लोगों से ठगी कर रही है। वैसे तो इन बीमा योजनाओं में सभी गरीब कवर हो रहे है लेकिन जागरूकता का आभाव में किसी भी गरीब ने ये योजनाएं नहीं ली हैं। इसलिए लोगों को इन योजनाओं के बारे में जागरूक करवाया जाए ताकि जरूरतमंद इसका लाभ उठा सकें।
किन्नौर के कांग्रेसी विधायक जगत नेगी ने भी हिम केअर योजना और आयुष्मान योजना को धरातल पर खरा न उतर पाने की बात कही। हिमाचल में अस्पतालों की कमी है। जो अस्पताल है स्टॉफ की कमी से जूझ रहे है। मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते योजनाएं दम तोड़ जाती है। इन योजनाओं के माध्यम से जनता को गुमराह किया जा रहा है। यदि सच मे ये योजनाएं लाभ दे रही है तो मंत्री इसका आंकड़ा प्रस्तुत करें।
चर्चा को आगे बढ़ते हुए नैना देवी के कांग्रेसी विधायक राम लाल ठाकुर ने इन योजनाओं पर सवाल उठाते हुए पूछा कि हेल्थ कार्ड बनने के बाद जब मरीज़ अस्पताल में जाता है तो कार्ड सिस्टम में प्रॉसेस में नहीं है। इसमें मरीज़ की क्या गलती? मरीज़ के साथ अस्पतालों के स्टॉफ का व्यवहार उचित नहीं होता है उसको कैसे दुरुस्त किया जाएगा। स्टॉफ की कमी है , मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में इन योजनाओं का लाभ मरीज तक कैसे पहुँचेगा?
सुरेश कश्यप भाजपा विधायक पच्छाद ने इस विषय पर कहा कि हमारे देश मे आज भी 80 फ़ीसदी जनता ग़रीबी रेखा के नीचे रहती है। देश के 10 करोड़ परिवारों को आयुष्मान के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। 25 सिंतबर 2018 को प्रधानमंत्री ने इस योजना को शुरू किया था। इस योजना से देश के 55 करोड़ लोगों को फायदा होगा। हिमाचल में भी 22 लाख लोगों को इससे फ़ायदा मिलेगा।
बड़सर के कांग्रेसी विधायक इन्द्र दत्त लखनपाल ने पूछा कि यदि कोई व्यक्ति हिम केअर कार्ड और आयुष्मान कार्ड दोनों बनाता है। उसको क्या इन दोनों योजनाओं का लाभ मिलेगा। मरीजों को जिला अस्पतालों से रेफर कर दिया जाता है तो बड़े अस्पतालों में इन मरीजों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कैंसर के मरीजों को सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसको लेकर मंत्री स्पष्टिकरण दें।
चर्चा में भाग लेते हुए सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि आयुष्मान भारत योजनाओं में सरकार आयुष्मान मित्र तक नही लगा पाई। लोगों को हेल्थ कार्ड बनाने के लिए दूर दराज जाना पड़ रहा है इसलिए नज़दीक कार्ड सेंटर बनाएं जाएं। उन्होंने बताया कि कुल्लू जिला में अभी तक 26000 का पंजीकरण हुआ है जिनमें से मात्र 510 लोगों ने ही इसका लाभ लिया है। जब पीजीआई मरीज़ हिमाचल से रैफर होते है तो हेल्थ कार्ड का लाभ लेने में बहुत मुश्किल पेश आती है। किडनी ट्रांसप्लांट के सारे खर्चे को भी इसमें शामिल करें। इसलिए इन योजनाओं का लाभ लोगों को मिले इसके लिए सुधार लाया जाए।
विषय पर बोलते हुए सतपाल रायजादा ने पूछा कि ऊना अस्पताल को 200 बिस्तरों का कर दिया गया है। लेकिन स्टॉफ की भारी कमी है। अस्पतालों में सुविधाओं का भारी टोटा है। प्रसूति मामलों में ऑपरेशन तक नही किए जा रहे है। ऊना अस्पताल क्षेत्र अस्पताल नही बल्कि रेफ़रल अस्पताल बन चुका है।
संकल्प के जबाब में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत देश के 50 करोड़ से ज़्यादा लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना में जो भी व्यक्ति कवर होता है उसे पांच लाख तक का कवर मिलेगा। हिमाचल के 22 लाख लोग इससे लाभ उठाएंगे। इस योजना में हिमाचल के 193 अस्पताल पंजीकृत है। इनमे 35 निज़ी अस्पताल शामिल है। जिलों के लगभग सभी अस्पताल योजना के लिए अधिकृत है। आधार कार्ड व राशनकार्ड के माध्यम से लोकमित्र केन्द्र हऔर अस्पतालों में बन रहे है।
इसमें लगभग 1800 बीमारियों के इलाज़ का इसमें प्रावधान है। जिसमें हार्ट से लेकर कैंसर तक कि बीमारियां शामिल है। इसमें हिमाचल के 12 फरवरी तक 2 लाख 59 हज़ार से ज्यादा लोग पंजीकृत हो चुके है। जिनमे से 5336 मरीज 5 करोड़ से ईलाज करवा चुके है। योजना के बारे में विधायक भी अपने अपने क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करें। इसमें 5 लाख रुपए के प्रावधान हर मरीज के लिए रखा गया है। जबकि हिम केअर योजना में भी आयुष्मान भारत योजना की तर्ज़ पर कार्ड बनाएं जा रहे है। इन दोनों कार्ड में से एक ही चलेगा। लेकिन एक कार्ड पांच सदस्यों का ही हो सकता है। जो बड़े परिवार है उनके लिए हिम केअर योजना।