'अब मैं पूरे गांव का चक्कर लगा पाऊंगी और अपने लिए कुछ पैसा भी कमा पाऊंगी।' ऊना के हरोली के बट्टकलां निवासी भोली देवी सरकार से मोटर युक्त ट्राइ साइकिल मिलने के बाद खुशी से यह बात कही है। जन्म के 8 महीने बाद से चलने फिरने में असमर्थ भोली देवी के लिए सरकार की योजना वरदान सिद्ध हुई है। बचपन में बुखार ने उसे दिव्यांग बना दिया। उसकी दोनों टांगें एक बाजू ने काम करना बंद कर दिया लेकिन भोली देवी ने हिम्मत नहीं हारी। आज वह घर का लगभग सारा काम कर लेती है और आत्मनिर्भर भी है। कपड़े सिलकर वे रोज़ाना लगभग 300 रुपये कमाती है। गांव के लोग भोली देवी के पास अपने कपड़े सिलाई के लिए लेकर आते हैं और इसी तरह से वह अपने लिए रोज़ी रोटी कमा लेती है।
गत दिनों ऊना में दिव्यांगों के लिए सरकार की ओर से आयेाजित जागरूकता शिविर और उपकरण वितरण कार्यक्रम में भोली देवी को मोटरयुक्त ट्राइ साइकिल मिली। दिव्यांग भोली देवी खुशी से बताती हैं कि पहले वह गांव नहीं घूम पाती थी और घर पर ही रहने को मजबूर थीं। लेकिन अब सरकार से मिली ट्राइ साइकिल पर सवार होकर वह न केवल पूरे गांव का चक्कर लगाएंगी बल्कि अपने ग्राहकों को उनके घर-द्वार पर ही सिले हुए कपड़े भी छोड़ सकेगी तथा सिलाई के लिए कपड़े भी वह ग्राहकों से स्वयं ला सकेगी।
भोली देवी का कहना है कि सरकार की यह मदद न केवल उसे अब अपने पांव पर खड़ा होने में मददगार साबित होगी बल्कि आजीविका कमाने में भी उसे सहूलियत होगी। वह इस मदद के लिए सरकार का बार-बार धन्यवाद व्यक्त करती है तथा इसी तरह अन्य दिव्यांगों के लिए भी आगे आने का आहवान करती है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
इस बारे उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि सरकार दिव्यांगजनों के उत्थान व कल्याण को लेकर अनेक योजनाएं व कार्यक्रम चला रही है ताकि ये भी अपने पांव पर खड़ा होकर स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जन मंच के माध्यम से दिव्यांगजनों को मौके पर ही प्रमाणपत्र बनाकर दिये जा रहे हैं जिनका उन्होंने लाभ उठाने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर आगे बढऩे में हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। दिव्यांगजनों के कल्याण को लेकर आने वाले समय में जागरूकता शिविर एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ताकि हमारा यह वर्ग भी समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर देश व समाज की उन्नति में भागीदार बन सके।