मनाली के बाद पहाड़ों की रानी शिमला में इलेक्ट्रिकल बस सेवा शुरू हो गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इलेक्ट्रिक बसों को विधानसभा से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया है। शिमला शहर में 50 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं। राजधानी शिमला के लिए पहले चरण में 30 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं। जबकि 20 बसें दूसरे चरण में आयेंगी। इन बसों के चलने के बाद जनता को आरामदायक सफर के साथ-साथ ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगी। इन बसों को शिमला की सड़कों के मुताबित तैयार किया गया है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के बाद शहर में प्रदूषण भी कम होगा।
वहीं, विभिन्न रूटों पर छोटी बसों के चलने से रोजाना लग रहे जाम से भी निजात मिलेगी। यह बसें 7 मीटर लंबी हैं और इसमें 31 सीटें हैं। मौजूदा समय में चल रही नीली बसों से यह दो मीटर छोटी हैं। लंबाई कम होने के कारण यह बसें शहर में जाम का कारण नहीं बनेंगी। बसों की फ्लोर हाइट 900 एमएम निर्धारित की है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसें चलाने वाला हिमाचल देश का अग्रणी राज्य बन गया है। मनाली में 25 इलेक्ट्रिक बसें निगम चला रहा है और अब शिमला में भी ये सेवा शुरू की गई है। उन्होंने कहा की इन बसों के चलने से जहां प्रदूषण से लोगों को निजात मिलेगी वहीं जाम जैसी समस्या भी कम होगी।
ये है बसों की खासियत
शहर में चलने वाली इन इलेक्ट्रिक बसों में न आवाज आएगी और न धुआं, बसें पूरी तरह से पारदर्शी और पर्यावरण संरक्षण के लिए कारगर साबित होंगी। इन बसों में सीसीटीवी कैमरों के अलावा रूट को बताने वाली स्क्रीन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी डोर भी होंगे। ये बसें पूरी तरह से हाईटेक हैं। बस की कीमत 76.97 लाख रुपए है।
ढली में चार्ज होंगी बसें
शहर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए पहला चार्जिंग स्टेशन HRTC ने ढली वर्कशाप में ई-बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाया है। यहां एक बार में तीन बसें चार्ज होंगी। 630 केवी का अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया है। वर्कशाप के इलेक्ट्रिक शेड में चार्जिंग स्टेशन बनाया है। चार्जिंग स्टेशन के अंदर ही बसों की मरम्मत के लिए डक भी बनाया है। चार्जिंग स्टेशन में इंटर लॉक टाइलों से फ्लोरिंग की है। एक बार चार्ज करने के बाद ये 200 किलोमीटर का सफर तय करेंगी।