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बीड़ बिलिंग में विकास है न के बराबर, सुविधाओं की कमी बनी सिरदर्द

नवनीत बत्ता |

टूरिज़म में विश्व प्रसिद्ध बीड़ बिलिंग में 31 साल बाद भी सुविधाओं की कमी है। आज भी यहां 1980 वाला नजारा देखने को मिलता है। कभी यहां अतिक्रमण नहीं रुकता तो कभी कोई ओर नई समस्या सामने आ जाती है। बीड़ बिलिंग में अगर कुछ हुआ है तो वह है अवैध निर्माण। हालांकि इस पर भी प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किया गया है। अगर हम सुविधाओं की बात करें तो यहां पर न तो पुलिस सहायता कक्ष है और न ही आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए किसी तरह का मोबाइल हस्पताल।

इतना ही नहीं वर्ल्ड में टूरिज्म के मैप पर फेमस होने के बाद भी आज तक यहां पर सरकार बिजली और पानी की व्यवस्था करवाने में असफल रही है। अगर प्रधानमंत्री 'स्वच्छ भारत मिशन' की बात करें तो बिलिंग का जैसे इससे कोई लेना-देना ही नहीं है। यहां कूड़ा फेंकने के लिए सरकार की तरफ से किसी भी तरह का प्रावधान नहीं है। जबकि विकास के नाम पर बिलिंग जाने वाली हर गाड़ी से 30 रुपए जरूर लिए जाते हैं।

बता दें कि यहां के नागरिकों का कहना है कि पैराग्लाइडिंग के कारण बिजली नहीं आ सकती लेकिन सरकार अंडरग्राउंड तारों का प्रावधान भी नहीं कर रही है। जोकि बड़ी समस्या है।