देहरा में बनने वाली सेंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकर 12 साल से लंबी राजनीतिक लड़ाई शिलान्यास के साथ खत्म हो जाएगी। लेकिन पिछले दिनों जब प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के दौरे पर थे उस समय भी इसके शिलान्यास की चर्चा जोरों पर थी। लेकिन सरकार की तरफ से कहा गया था कि बिना टेंडर प्रक्रिया हुए शिलान्यास करना संभव नहीं है। अब एक बार फिर यू टर्न लेते हुए सरकार आज गुरूवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करने तो जा रही है लेकिन बिना टेंडर किए। मतलब साफ है कि शिलान्यास तो हो जाएगा पर निर्माण कब शुरू होगा इसका कोई पता नहीं है।
इससे साफ जाहिर होता है कि लोकसभा चुनाव सर पर है और चुनाव जीतने में बीजेपी हिमाचल प्रदेश में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। जिस वजह से शिलान्यास को भी अमलीजामा पहनाया जा रहा है। कभी धर्मशाला तो कभी देहरा में कैंपस को लेकर चली बीजेपी और कांग्रेस सरकारों में लड़ाई आज खत्म हो जाएगी। विशेष रूप से सांसद अनुराग ठाकुर के लिए आज महत्वपूर्ण दिन रहने वाला है क्योंकि उन्होंने इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लंबी लड़ाई प्रदेश सरकारों के साथ लड़ी है। देहरा में 300 एकड़ और धर्मशाला में 50 एकड़ भूमि केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम हो चुकी हैं और वहीं कुछ भूमि का हिस्सा ऐसा भी है जिसको अभी तक भी फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिल सकी है।
इस विषय पर सांसद अनुराग ठाकुर का कहना है कि परिसर के शिलान्यास में देरी का कारण विशेष रूप से पिछली कांग्रेस सरकारें रही हैं क्योंकि देहरा और धर्मशाला की राजनीति उन्होंने ही प्रदेश में शुरू की थी। इसी चक्कर में इलाके के लोगों और विशेष रूप से पूरे प्रदेश के युवाओं को यहां पर असुविधाओं का सामना करना पड़ा और अगर कांग्रेस सरकार ने इसके लिए पहले ही निर्णय ले लिया होता तो आज कैंपस का शिलान्यास नहीं उद्घाटन का काम चल रहा होता। उन्होंने कहा कि बेशक की चुनावी साल है लेकिन देहरा में कैंपस का शिलान्यास सभी तरह के अनुमति मिलने के बाद ही किया जा रहा है।