दिल्ली में शहीदों के सम्मान में बना नेशनल वॉर मेमोरियल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया । ये स्मारक आज़ादी के बाद देश के लिए जान देने वाले वीर सैनिकों के सम्मान में तैयार किया गया है । इस मौके पर पीएम मोदी ने पूर्व सैनिकों से कहा कि, 'आप सभी भूतपूर्व नहीं अभूतपूर्व हैं', क्योंकि आज लाखों सैनिकों के शौर्य और समर्पण के कारण हमारी सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है । देश पर जब भी संकट आया है तब हमारे सैनिकों ने हमेशा पहला वार अपने ऊपर लिया है ।
मोदी ने कहा कि इस मेमोरियल की मांग कई दशकों से हो रही थी । लेकिन अभी तक कुछ ठोस नहीं हो पाया था । जनता के आशीर्वाद से 2014 में इसे बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू की और आज तय समय से पहले इसका लोकार्पण भी हो रहा है ।
इस मेमोरियल में शहीद हुए 26 हजार सैनिकों के नाम हैं । अब शहीदों से जुड़े कार्यक्रम अमर जवान ज्योति के बजाए नेशनल वॉर मेमोरियल में ही होंगे । इस प्रॉजेक्ट पर करीब 176 करोड़ रुपये की लागत आई है। 1947-48, 1961 में गोवा मुक्ति आंदोलन, 1962 में चीन से युद्ध, 1965 में पाक से जंग, 1971 में बांग्लादेश निर्माण, 1987 में सियाचिन, 1987-88 में श्रीलंका और 1999 में कारगिल में शहीद होने वाले सैनिकों के सम्मान में इसे बनाया गया है । वैसे दिल्ली में इंडिया गेट में भी एक युद्ध स्मारक है, लेकिन वो प्रथम विश्वयुद्ध और अफगान लड़ाई के दौरान शहीद हुए सैनिकों के याद में बना है । इसके बाद 1971 की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों की याद में अमर जवान ज्योति बनाई गई ।