सरकार सड़क सुरक्षा के लिए कानून बनाती है और यातायात नियमों का पालन करवाने के लिए कई बार वाहन चालकों के चालान भी करती हैं। लेकिन जो ड्राइवर सरकार के नुमाईदों के साथ काम करते है वह पुलिस के सामने अपनी धौंस जमाने से गुरेज भी नही करते है और नेता का ड्राइवर होने की धमकी देते है। कई बार ऐसा लगता है कि यह कानून सिर्फ आम नागिरकों के लिए ही होते हैं और रसूखदारों को इनका पालन करने या ना करने से कोई फर्क नही पड़ता। धौंस जमाने वाले ड्राइवर चाहे मुख्यमंत्री के हो या प्रधानमंत्री के यह लोग अपने को कम नहीं आंकते है और यातायात कानून का उलघन करते हैं।
कई जगह पुलिस चालान की जगह उनको सेल्यूट ठोकने को मजबूर है। जो अधिकार सरकार ने पुलिस को दिए होते इनका पालन सिर्फ आम जनता या गरीब वर्ग के लोग ही करते देखे जाते हैं। सरकारी ड्राइवर तो विधायक या नेता का नाम लेकर पुलिस के सामने से निकल जाते है।कई नेताओ के ड्राइवर बिना सीट बेल्ट के गाडी चलाते नज़र आते है। जिस भी पार्टी की सरकार हो यह ड्राइवर उसमें यह अपने को कानून ही समझ लेते है।