क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में मरीज का डेथ सर्टिफिकेट न देने पर हंगामा हो गया। वहीं, हंगामें की सूचना मिलते ही ऊना के विधायक सतपाल रायजादा ने अस्पताल पहुंचकर एमएस समेत अस्पताल प्रबंधन को जमकर लताड़ लगाई।
मनोहर मार्किट ऊना के निवासी पूर्ण सिंह ने बताया कि 13 फरवरी को उसके भाई प्रेमलाल को तबीयत खराब होने पर एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाया गया। इसी बीच डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब जब उसकी मौत के बाद डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ी तो अस्पताल प्रबंधन डेथ सर्टिफिकेट देने में आनाकानी कर रहा है। जिसको लेकर अस्पताल में हंगामा हुआ और उसकी सूचना ऊना के विधायक सतपाल रायजादा को दी गई।
वहीं, अस्पताल प्रबंधन और अधिकारियों का कहना है कि प्रेम लाल की मौत अस्पताल में नहीं हुई। उसकी मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी जिस कारण उसकी एंट्री ओपीडी या एडमिशन रजिस्टर की बजाय पूर्व डेथ रजिस्टर में की गई है, जिसका प्रमाणपत्र पंचायत से मिल सकता है।
मृतक के भाई पूर्ण सिंह ने अस्पताल प्रबंधन के आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि जब प्रेमलाल को अस्पताल पहुंचाया गया था तो वो जीवित था। अस्पताल में उसे उपचार दिया गया था और चिकित्सीय जांच के दौरान ही उसकी मौत हुई थी।
बता दें कि ऊना विधायक ने अस्पताल का जिम्मा देख रहे अधिकारियों से पूछताछ की। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन जवाब देने में असमर्थ रहा, जिससे अस्पताल में खूब बवाल मचा। जब बात सीएमओ कार्यलय तक पहुंची तो उन्होंने अस्पताल का जिम्मा एमएस के पास होने की बात कही। अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर विधायक ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की धमकी दी। आखिरकार बाद सीएमओ ऊना के हस्तक्षेप के बाद पीड़ित पूर्ण सिंह को हर संभव मदद का आश्वासन देकर माहौल शांत हुआ।