भारी बर्फबारी के चलते जिला लाहौल स्पीति में लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। लाहौल स्पीति के 80 प्रतिशत इलाके में बिजली, दूरसंचार व्यवस्था पिछले महीने से ही ठप पड़ी हुई है। वहीं, लोगों को पीने के पानी के लिए भी बर्फ को पिघलाना पड़ रहा है।
हालांकि जिला प्रशासन ने बीते दिनों बीआरओ के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि जैसे ही मौसम साफ होता है। घाटी में सड़कों की बहाली का काम शुरू किया जाएगा, लेकिन मौसम साफ होने का नाम ही नहीं ले रहा है। लाहौल स्पीति में जगह-जगह ग्लेशियर गिरने की संभावना बनी हुई है। नदी नालों के किनारे हर दूसरे दिन गग्लेशियर गिर रहे हैं। बीते दिनों स्पीति घाटी के पगमो गांव में भी ग्लेशियर गिरने से एक गोम्पा सहित कुछ गाड़ियां उसकी चपेट में आ गए थी। गोम्पा को भी भारी नुकसान हुआ है। गोम्पा में रह रही करीब 50 महिला बौद्ध भिक्षु गांव में लोगों के घरों में शरण लिए हुए हैं।
अभी तक प्रशासन की ओर से भी वहां कोई राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है। वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लाहौल-स्पीति जिले में लोगों की समस्या को लेकर कोई राजनेता व प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नहीं है। जिले के लोग हर तरफ से समस्याओं से जूझ रहे हैं। लाहौल घाटी में बिजली और दूरसंचार सेवाओं की खस्ताहाल पर विपक्ष के लोग सरकार को कोसने लगे हैं।
लाहौल-स्पीति जिला के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा है कि सर्दी शुरू होने से लेकर अभी तक लाहौल घाटी के लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं। बर्फबारी के बीच इस तरह के हालातों से लोगों का जीना दुश्वार हो गया। बिजली बोर्ड के कर्मचारी बिजली आपूर्ति करने के लिए रात-दिन खूब पसीना बहा रहे हैं, लेकिन घाटी में बिजली बोर्ड में स्टाफ की भारी कमी चल रही है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।